बिना शिक्षक कैसे देंगे निजी को टक्कर देंगे सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल

जुगाड़ के सहारे अंग्रेजी माध्यम स्कूलअंग्रेजी माध्यम स्कूलों के सभी शिक्षकों को सरकार कराए ब्रिज कोर्स तो मिले स्थायी राहतपहले चरण में सरकार सिर्फ एनटीटी शिक्षकों को ब्रिज कोर्स कराने की तैयारी में

<p>राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बाड़लवास में आयोजन</p>

सरकार की ओर से शुरू हुई अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के नवाचार से अभिभावकों के साथ विद्यार्थियों के जुड़ाव की डोर लगातार मजबूत हो रही है। दूसरी तरफ संसाधनों के अभाव में सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल निजी को पूरी तरह टक्कर नहीं दे रहे हैं। इसके पीछे वजह यह है कि सरकार ने बजट घोषणा को पूरा करने के लिए ब्लॉक स्तर पर भी अंग्रेजी माध्यम स्कूल शुरू कर दिए। लेकिन स्टाफ, भवन व फर्नीचर का अभी भी टोटा है। इसके अलावा सबसे दिक्कत शैक्षिक गुणवत्ता का है। सरकार ने अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के लिए दस हजार शिक्षकों की भर्ती का ऐलान किया था। लेकिन अभी तक भर्ती प्रक्रिया नियमों के फेर में उलझी हुई है। इधर, सरकार ने महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत 1901 एनटीटी शिक्षकों की सेवाएं शिक्षा विभाग के अधीन दे दी है। अब शिक्षा विभाग ने एनटीटी शिक्षकों को पहले चरण में छह महीने का ब्रिज कोर्स कराने का ऐलान किया है। लेकिन अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पहले से प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत शिक्षकों को ब्रिज कोर्स कराने से सरकार ने फिलहाल पूरी तरह दूरी बना रखी है।

अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की राह में चुनौती

1. शिक्षक: अभी तक नहीं हुई एक भी भर्ती
कांग्रेस ने सत्ता में आते ही प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की शुरूआत की। नवाचार के सफल होने पर शिक्षा विभाग ने ब्लॉक स्तर पर भी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की पहल शुरू कर दी। लेकिन अभी तक नियमित भर्ती एक भी पूरी नहीं हो सकी।

2. भवन: हिन्दी माध्यम स्कूलों के भरोसे
अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की शुरूआत सरकार ने हिन्दी माध्यम स्कूलों के भवनों से की है। ब्लॉक स्तर पर शुरू हुए अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में फर्नीचर की व्यवस्था भी भामाशाह के भरोसे है। शिक्षा विभाग की ओर से अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के लिए अलग से बजट उपलब्ध कराने की मांग भी लगातार गूंज रही है।

3. स्कूल चयन में विवाद: 65 स्थानों पर हुआ विरोध
अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की राह में बड़ी चुनौती स्थान चयन भी है। जिला मुख्यालय के स्कूलों की व्यवस्था पूरी तरह पटरी पर पर आती उससे पहले ही सरकार ने ब्लॉक स्तर पर स्कूल खोलने की घोषणा कर दी। प्रदेश में 65 से अधिक स्थानों पर अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की वजह से हिन्दी माध्यम बंद होने को लेकर विरोध किया गया।

फिर भी जुड़ाव: एक सीट के लिए 25 से 40 टक्कर में
अंग्रेजी माध्यम स्कूल भले ही अभी संसाधनों के लिए जूझ रहे हो लेकिन दाखिले को लेकर इस बार भी विद्यार्थियों में काफी क्रेज देखने को मिला। जयपुर, अलवर, अजमेर, सीकर, कोटा सहित कई जिलों में एक-एक सीट के दाखिले के लिए 25 से 40 विद्यार्थी दौड़ में रहे।

फैक्ट फाइल
वर्तमान में अंग्रेजी माध्यम 1600
कार्यरत शिक्षक 10 हजार
रिक्त पद: लगभग 10 हजार
एनटीटी शिक्षक 1901
बिज्र कोर्स की अवधि 3 महीने

सरकार करें पहल तो मिले राहत
अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के प्रति शहरी क्षेत्रों में काफी क्रेज देखने को मिल रहा है। कई जगह लॉटरी से नैनिहालों को दाखिले मिले है। सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्र में खोले गए अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में अभी भी पद रिक्त है। नई भर्ती हो नहीं सकी है। शैक्षिक गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में फिलहाल कार्यरत स्टाफ के लिए पाठ्यक्रम तैयार कराया जा सकता है। इससे अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षकों की समस्या कम हो सकेगी। इसके अलावा अन्य शिक्षकों से भी रूचि के हिसाब से आवेदन मांगे जा सकते हैं।
महेन्द्र पाण्डे, महामंत्री, राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ

 

 

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