जोर पकडऩे लगा स्वाइन फ्लू
डेंगू के अलावा जिले में स्वाइन फ्लू रोगियों की तादाद भी बढऩे लगी है। आईसोलेशन वार्ड में हर दूसरे-तीसरे दिन एक रोगी को भर्ती कराया जा रहा है। हालांकि जयपुर से रिपोर्ट देरी से मिलने के कारण मरीजों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ता है।
चल रही हैं गतिविधियां
डिप्टी सीएमएचओ डा. सीपी ओला का कहना है कि रोगी ध्यान में आते ही संबंधित क्षेत्र में एंटी लार्वा व सर्वे की गतिविधि चालू कर रहे हैं। दवा का छिड़काव सहित मेडिकल टीम को प्रभावित इलाके में भिजवाकर रोगी के संबंध में जानकारी हासिल की जा रही है। हालांकि प्रदेश में बाकी जिलों की तुलना में यहां डेंगू का असर कम है। स्वाइन फ्लू को रोकने के लिए दवा की प्रर्याप्त उलब्धता है।
छह माह के बच्चे को डेंगू बसंत विहार स्थित निजी अस्पताल के डाक्टर नरोतम बिल्खीवाल के अनुसार पलसाना से उनके यहां उपचार के लिए लाए गए छह महीने के नख्स में डेंगू की पुष्टी हुई है। कार्ड टेस्ट में डेंगू आने पर परिजनों को एलाइजा जांच करवाने के लिए कहा गया है। इधर, जनाना अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डाक्टर मदन सिंह फगेडिय़ा ने बताया कि बच्चों में प्लेटलेट्स कम आ रही है। डेंगू जैसे लक्षण दिखाई देने पर विशेष जांच की जा रही है।