पैक बॉडी को खोलकर दिखाया, तब माने परिजन
सेना से पूरी तरह से पैक होकर आई बॉडी को परिजन व ग्रामीण कल से देख भी नहीं पाए थे। बॉडी कोफिन में बंद थी। लोग हत्या की आशंका में यह चाहते थे कि बॉडी को खोलकर दिखाया जाए। शनिवार दोपहर में गीतांजलि अस्पताल के चिकित्सकों ने बॉडी को खोलकर ग्रामीणों व परिजनों को दिखाया। शव के बाए सीने पर गोली का निशान था। इसके बाद ग्रामीण माने। मौके पर मौजूद सीकर सांसर सुमेधानंद तथा पूर्व मंत्री सुभाष महरिया ने परिजनों को सैनिक को मिलने वाले परिलाभ समय पर दिलवाने का आश्वासन दिया।
दिन चढऩे के साथ बढ़ती गई भीड़
सैनिक का शव रखकर कर दिए जा रहे धरना स्थल पर शनिवार को दिन उगने के साथ लोगों की भीड़ बढ़ती गई। यह देखकर उपस्थित प्रशासन व पुलिस अधिकारियों की भी एक बार सांस फूल गई। लोगों ने इस दौरान कह दिया कि जब तक शव को खोल कर नहीं दिखाया जाएगा एवं शहीद का दर्जा नहीं मिलेगा यहां से नहीं हटेंगे। प्रदर्शन को देखते हुए श्रीमाधोपुर उपखंड अधिकारी दिलीप सिंह राठौड़, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रतन लाल भार्गव, उप पुलिस अधीक्षक गिरधारी लाल शर्मा, खंडेला, श्रीमाधोपुर, अजीतगढ़, पाटन, थोई का पुलिस जाब्ता मौके पर तैनात रहा। शनिवार सुबह एडीएम धारा सिंह मीणा, जिला परिषद सीईओ सुरेश कुमार यादव, जिला रसद अधिकारी राजपाल यादव एवं सेना के अधिकारी भी पहुंचे। परिजनों व अधिकारियों के बीच कई दौर की वार्ता के बाद दोपहर एक बजे प्रशासन व सेना के अधिकारियों ने गीतांजलि अस्पताल अजीतगढ़ के सीईओ मंगल यादव के नेतृत्व में शव को खोलकर दिखाना तय किया गया। बाद में सेना के ट्रक में सैनिक के शव को अंत्येष्टि स्थल पर लाने का फैसला भी किया।