ये है मामला
रानोली थाना अधिकारी कैलाश चंद यादव ने बताया कि पीडि़त भागीरथ मल निठारवाल निवासी मेहता का बास पलसाना एवं धर्मेंद्र कुमावत निवासी पलसाना ने रिपोर्ट दी है कि अगस्त 2021 में भंवरी देवी बाजिया, प्रेमचंद जाट व भूपेंद्र सिंह धीरावत उनसे मिले। उन्होंने भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा बेरोजगार महिलाओं को रोजगार देने की औद्योगिक योजना से जोडऩे की बात कही। बाद में आरोपियों ने बताया कि भारत सरकार ग्रामीण महिलाओं से हल्दी, धनिया व मिर्ची की पैकिंग करवाएगी। जिसमें हल्दी व धनिया की पैकिंग पर 200 रुपए प्रतिदिन एवं मिर्ची की पैकिंग पर 300 रुपए प्रतिदिन मजदूरी मिलेगी। इसके बाद आरोपियों ने पीडि़तों को प्रतिमाह 18000 रुपये सैलरी का प्रलोभन देकर महिलाओं के ग्रुप बनाने की बात कही। जिसमें प्रत्येक महिला से 300 रुपये फार्म फीस तथा ग्रुप लीडर महिला से 15 महिलाओं के 600 रुपये, 30 महिलाओं के 1200 रुपए, 45 महिलाओं के 1800 रुपये, 60 महिलाओं के 2400 रुपये के रुपए आरोपियों ने मांगे और ग्रुप बनाने के बाद डेढ़ माह में काम शुरू करने की बात कही। इसके बाद पीडि़त धर्मेंद्र ने परिवार और अन्य महिलाओं से संपर्क कर 40 लीडर ग्रुप बनाएं और भागीरथ ने 35 लीडर ग्रुप बनाएं। धर्मेंद्र ने इस दौरान 4,48000 व भागीरथ ने 2,19000 एकत्रित कर आरोपियों को दे दिए। इसके बाद आरोपियों ने ना तो उनको सैलरी दी और ना ही पेकिंग का काम शुरू करवाया। आरोपी अब महिलाओं से कलेक्शन किए गए पैसे भी नहीं लौटा रहे हैं। पुलिस ने पीडि़तों की ओर से दी गई रिपोर्ट पर मामला दर्ज करें मामले की जांच शुरू कर दी है।