डोटासरा शेखावाटी से पांचवें पीसीसी चीफ
इस इलाके से डोटासरा पांचवें पीसीसी चीफ है। इससे पहले सरदार हरलाल सिंह (मंडावा, झुंझुंनू), नारायण सिंह (दांतारामगढ़ सीकर), रामनारायण चौधरी (मंडावा, झुंझुंनू) व डॉ. चंद्रभान (मंडावा, झुंझुंनू) पीसीसी चीफ रह चुके हैं। इनके अलावा परसराम मोरदिया (धोद, सीकर) प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रहे हैं।
भाजपा को भी दिए पांच प्रदेशाध्यक्ष
राजगढ़ (चूरू) के सतीश पूनिया से पहले मदनलाल सैनी (सीकर) भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रहे। शेखावाटी के कई नेता भाजपा और इससे पहले जनसंघ की कमान संभाल चुके हैं। जनसंघ के जमाने में भी दो बार प्रदेश की कमान शेखावाटी के हाथों में रही है। इनमें सीकर जिले के दांतारामगढ़ के मदन सिंह दांता और सीकर के ही जगदीश माथुर के हाथों में जनसंघ की प्रदेश की बागडोर रह चुकी है। जनसंघ के बाद जब बीजेपी ने मूर्त रूप लिया तब भी पहली बार प्रदेश की कमान जगदीश माथुर के ही हाथ रही। वे पार्टी के पहले प्रदेशाध्यक्ष (1980-81) बने। वर्ष 2006 में पार्टी की कमान संघ पृष्ठभूमि के चूरू के डॉ. महेशचन्द्र शर्मा के हाथों सौंपी गई। शर्मा 2008 तक पार्टी के प्रदेश मुखिया रहे। इनके अलावा शेखावाटी को अपनी कर्मभूमि बनाने वाले हरिशंकर भाभड़ा 1981 से 1986 तक भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रहे हैं। भाभड़ा मूलत: तो डीडवाना (नागौर) के हैं, लेकिन उनकी कर्मभूमि चूरू का रतनगढ़ विधानसभा क्षेत्र रहा है।
महिला कांग्रेस की बागडौर भी
महिला कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष रेहाना रियाज भी चूरू जिले की हैं। इससे पहले वे पीसीसी महासचिव थी।
…और अब सत्ता में भागीदारी बढऩे की उम्मीद
संगठन में बड़ी भागीदारी के बाद अब शेखावाटी अंचल की सत्ता में भागीदारी बढऩे की उम्मीदों को पंख लग गए हैं। सूत्रों की मानें तो जब भी मंत्रिमण्डल का विस्तार होगा शेखावाटी के तीन से चार विधायकों को जगह मिल सकती है। यहां के दिग्गज नेताओं को पिछली कांग्रेस सरकार में काफी भागीदारी मिली थी, लेकिन इस बार सरकार में शेखावाटी से महज दो विधायकों को ही मंत्री बनाया गया। पिछली कांग्रेस सरकार में डॉ. जितेंद्र सिंह, मास्टर भंवरलाल मेघवाल, राजेंद्र पारीक, बृजेंद्र ओला व राजकुमार शर्मा मंत्रिमंडल में शामिल थे। वहीं दीपेंद्र सिंह शेखावत विधानसभा अध्यक्ष रहे।