scriptराजस्थान की सियासत का केंद्र बना शेखावाटी, सरकार में भागीदारी बढऩे की आस | Shekhawati became the center of the state's politics | Patrika News

राजस्थान की सियासत का केंद्र बना शेखावाटी, सरकार में भागीदारी बढऩे की आस

locationसीकरPublished: Jul 15, 2020 02:40:18 pm

Submitted by:

Sachin

आशीष जोशी(Shekhawati became the center of the state’s politics) सीकर. देश को सबसे ज्यादा सैनिक देने वाला शेखावाटी अंचल सियासत के मोर्चे पर भी अग्रिम पंक्ति पर आ गया है। प्रदेश के दोनों बड़े राजनीतिक दलों की कमान शेखावाटी क्षेत्र के नेताओं के हाथ आ गई है।

प्रदेश की सियासत का केंद्र बना शेखावाटी, सरकार में भागीदारी बढऩे की आस

प्रदेश की सियासत का केंद्र बना शेखावाटी, सरकार में भागीदारी बढऩे की आस

 

सीकर. देश को सबसे ज्यादा सैनिक देने वाला शेखावाटी अंचल सियासत के मोर्चे पर भी अग्रिम पंक्ति पर आ गया है। प्रदेश के दोनों बड़े राजनीतिक दलों की कमान शेखावाटी क्षेत्र के नेताओं के हाथ आ गई है। राजगढ़ (चूरू) के सतीश पूनिया (BJP Prsesident Satish Puniya) पहले से ही भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष हैं, अब लक्ष्मणगढ़ विधायक और शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Education Minister Govind Singh Dotasara) के प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष (PCC Chief Govind Singh Dotasara) बनने के बाद राजस्थान की सियासत का केंद्र शेखावाटी (Shekhawati in Rajasthan) बन गया है। इस अंचल ने दोनों ही दलों को अब तक 5-5 प्रदेशाध्यक्ष दिए हैं।

डोटासरा शेखावाटी से पांचवें पीसीसी चीफ
इस इलाके से डोटासरा पांचवें पीसीसी चीफ है। इससे पहले सरदार हरलाल सिंह (मंडावा, झुंझुंनू), नारायण सिंह (दांतारामगढ़ सीकर), रामनारायण चौधरी (मंडावा, झुंझुंनू) व डॉ. चंद्रभान (मंडावा, झुंझुंनू) पीसीसी चीफ रह चुके हैं। इनके अलावा परसराम मोरदिया (धोद, सीकर) प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रहे हैं।

भाजपा को भी दिए पांच प्रदेशाध्यक्ष
राजगढ़ (चूरू) के सतीश पूनिया से पहले मदनलाल सैनी (सीकर) भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रहे। शेखावाटी के कई नेता भाजपा और इससे पहले जनसंघ की कमान संभाल चुके हैं। जनसंघ के जमाने में भी दो बार प्रदेश की कमान शेखावाटी के हाथों में रही है। इनमें सीकर जिले के दांतारामगढ़ के मदन सिंह दांता और सीकर के ही जगदीश माथुर के हाथों में जनसंघ की प्रदेश की बागडोर रह चुकी है। जनसंघ के बाद जब बीजेपी ने मूर्त रूप लिया तब भी पहली बार प्रदेश की कमान जगदीश माथुर के ही हाथ रही। वे पार्टी के पहले प्रदेशाध्यक्ष (1980-81) बने। वर्ष 2006 में पार्टी की कमान संघ पृष्ठभूमि के चूरू के डॉ. महेशचन्द्र शर्मा के हाथों सौंपी गई। शर्मा 2008 तक पार्टी के प्रदेश मुखिया रहे। इनके अलावा शेखावाटी को अपनी कर्मभूमि बनाने वाले हरिशंकर भाभड़ा 1981 से 1986 तक भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रहे हैं। भाभड़ा मूलत: तो डीडवाना (नागौर) के हैं, लेकिन उनकी कर्मभूमि चूरू का रतनगढ़ विधानसभा क्षेत्र रहा है।

महिला कांग्रेस की बागडौर भी
महिला कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष रेहाना रियाज भी चूरू जिले की हैं। इससे पहले वे पीसीसी महासचिव थी।

…और अब सत्ता में भागीदारी बढऩे की उम्मीद
संगठन में बड़ी भागीदारी के बाद अब शेखावाटी अंचल की सत्ता में भागीदारी बढऩे की उम्मीदों को पंख लग गए हैं। सूत्रों की मानें तो जब भी मंत्रिमण्डल का विस्तार होगा शेखावाटी के तीन से चार विधायकों को जगह मिल सकती है। यहां के दिग्गज नेताओं को पिछली कांग्रेस सरकार में काफी भागीदारी मिली थी, लेकिन इस बार सरकार में शेखावाटी से महज दो विधायकों को ही मंत्री बनाया गया। पिछली कांग्रेस सरकार में डॉ. जितेंद्र सिंह, मास्टर भंवरलाल मेघवाल, राजेंद्र पारीक, बृजेंद्र ओला व राजकुमार शर्मा मंत्रिमंडल में शामिल थे। वहीं दीपेंद्र सिंह शेखावत विधानसभा अध्यक्ष रहे।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो