scriptक्या आपका बच्चा भी पढ़ता है इन स्कूलों में, तो इसे जरूर पढ़ें | Shocking teacher's answer | Patrika News

क्या आपका बच्चा भी पढ़ता है इन स्कूलों में, तो इसे जरूर पढ़ें

locationभीलवाड़ाPublished: Mar 18, 2017 04:27:00 pm

Submitted by:

dinesh rathore

साहब! हम तो खूब पढ़ाते हैं…बच्चे ही कमजोर हैं… उनके घर पर पढ़ाई का बिल्कुल भी माहौल नहीं है। घरवाले भी ध्यान नहीं दे रहे। वे स्कूल भी नियमित नहीं आते।

साहब! हम तो खूब पढ़ाते हैं…बच्चे ही कमजोर हैं… उनके घर पर पढ़ाई का बिल्कुल भी माहौल नहीं है। घरवाले भी ध्यान नहीं दे रहे। वे स्कूल भी नियमित नहीं आते। अनेक तो केवल पोषाहार खाने ही स्कूल आ रहे हैं। हमें सरकारी कार्य भी करने पड़ते हैं। ऐसे में परिणाम में कैसे सुधार करवाया जाए। 8वीं बोर्ड में कम परिणाम देने वाले शिक्षक जिला शिक्षा अधिकारी को कुछ ऐसे ही कारण गिना रहे हैं। अधिकतर शिक्षक विद्यालय के बच्चों में ही दोष निकाल रहे हैं। शुक्रवार को पिपराली व धोद के शिक्षकों ने कुछ ऐसे ही जवाब पेश किए।
Read:

इतनी बड़ी लापरवाही! 6 घंटे तक मरीजों को एक कम्पाउंडर के भरोसे छोड़ा

505 विषयाध्याक के जवाब

आठवीं में न्यून परिणाम देने पर जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक ने 27 प्रधानाध्यापकों व 505 विषय अध्यापकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। साठ फीसदी से कम परिणाम आने पर प्रधानाध्यापकों तथा 40 फीसदी से कम आने पर विषय अध्यापकों को नोटिस जारी किया गया था। न्यून परिणाम देने में नीमकाथाना ब्लॉक सबसे फिसड्डी रहा। यहां के नौ विद्यालयों का परिणाम न्यून रहा है। इसके बाद धोद के पांच, पिपराली व फतेहपुर के चार-चार, लक्ष्मणगढ़ के तीन तथा श्रीमाधोपुर व दांतारामगढ़ के एक-एक प्रधानाध्यापक को नोटिस दिया थ।
Read:

अगर यहां लगी आग तो बुझाने नहीं पहुंचेगी दमकल, जानें इसका कारण 

 17 सीसी चार्जशीट…

शिक्षक उनका जवाब दे रहे हैं। अधिकतर के जवाब बच्चों में कमजोरी, नियमित नहीं आना व घर में माहौल नहीं होना रहा।
विक्रम सिंह, एडीईओ, प्रा.शि.

शिक्षकों को कभी बीएलओ का काम दे दिया जाता है तो कभी विभागीय अन्य कार्य। ऐसे में शिक्षण कार्य तो प्रभावित होगा ही। केवल पढ़ाई का ही कार्य हो तो निश्चित रूप से बेहतर परिणाम आएंगे।
उपेन्द्र शर्मा, शिक्षक 

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो