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यहां पर आधार कार्ड बनाने के नाम पर चल रहा था ऐसा काम, छापेमारी में सामने आई चौंका देने वाली हकीकत

locationसीकरPublished: Apr 27, 2018 09:00:06 am

Submitted by:

Vinod Chauhan

आधार कार्ड बनाने के नाम पर खुलकर लूट के मामले में अब जिम्मेदारों की महीनों बाद नींद टूटी है। टीम ने दो मशीनों को सीज किया है।

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सीकर.

आधार कार्ड बनाने के नाम पर खुलकर लूट के मामले में अब जिम्मेदारों की महीनों बाद नींद टूटी है। जिम्मेदारों की नाक के नीचे सेंटर संचालक महीनों से तय राशि से ज्यादा वसूल रहा था। लेकिन अधिकारियों को इसी भनक तक नहीं लगी। पीडि़त ने शिकायत की तो पहले अधिकारी नजरअंदाज करते रहे। लेकिन बाद में शिकायत बढ़ी तो टीम गुरुवार को छापेमार कार्रवाई के लिए पहुंची। टीम ने मौके पर लोगों से बातचीत भी की और टीम ने दो मशीनों को सीज किया है। निरीक्षण में सामने आया कि जयपुर के लिए पंजीकृत मशीन को सीकर में लगाकर आधार कार्ड बनाए जा रहे थे। वहीं सेवद बड़ी कस्बे के लिए पंजीकृत मशीन को भी सीकर में लगा रखा था। अपर जिला कलक्टर जयप्रकाश के निर्देश पर सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग व सीकर तहसीलदार की संयुक्त टीम ने यश टॉवर स्थित लक्ष्मी रोजगार सेंटर का औचक निरीक्षण किया। केन्द्र पर आधार दर सूची एवं बैनर नहीं लगे हुए मिले। मौके पर आधार बनवाने वालों ने आधार नामांकन एवं अपडेशन के लिए निर्धारित शुल्क से अधिक लेने की शिकायत की। केन्द्र पर दो आधार मशीनें संचालित हो रही थी, जिनमें से एक मशीन धोद ब्लॉक तो दूसरी आमेर के लिए पंजीकृत थी। सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग के उपनिदेशक मनोज कुमार गरवा ने बताया कि विभाग की ओर से लगातार निरीक्षण जारी रहेगा। निरीक्षण के दौरान प्रोग्रामर मुकेश गाडोदिया, प्रोग्रामर पंकज सिंह मील एवं सूचना सहायक जगदीश बिजारनियां भी शामिल रहे।


कलक्ट्रेट में सुविधा शुरू
अब कलक्ट्रेट परिसर स्थित अटल सेवा केन्द्र पर आधार नामांकन एवं अपडेशन की सुविधा उपलब्ध शुरू कर दी है। यहां आधार कार्ड बनवाने के साथ अपडेशन भी करवा सकेंगे।


जिनसे वसूली हो चुकी उनका क्या
विभाग अब कार्रवाई कर अपनी पीथ थपथपा रहा है लेकिन जिन लोगों से ज्यादा वसूली हो चुकी है उसके लिए अभी प्रशासन ने कोई तैयारी नहीं की है। पीडि़तों का कहना है कि प्रशासन को सेंटर संचालक से वसूली की राशि की पेनल्टी लागानी चाहिए।


गांव-ढाणियों में हालत खस्ता
गांव-ढाणियों के कई सेंटरों की हालत भी इससे ज्यादा खराब है। लोगों का कहना है कि आधार कार्ड के नाम पर 150 से 200 रुपए तक की भी वसूली जा रही है। लेकिन लोग आधार कार्ड समय पर लेने की मजबूरी के चलते शिकायत करने से कतराते है। वहीं ग्रामीणों में जानकारी का अभाव होने के कारण भी प्रशासन तक शिकायत नहीं पहुंच पाती है।


पत्रिका ने पहले ही चेताया था
राजस्थान पत्रिका ने पिछले दिनों आधार कार्ड के नाम पर मनमानी वसूली के खेल को उजागर किया था। इसके बाद जिम्मेदार कई महीनों तक हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। एक बार खानापूर्ति के लिए नोटिस भी जारी किए गए। लेकिन सख्त कार्रवाई नहीं होने के कारण यह खेल चलता रहा।

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