पीछे मकान में उसकी पत्नी व तीन बच्चे थे। पीएमटी की तैयारी कर रही उसकी बेटी नफीसा व कक्षा १०वीं की छात्रा मारवा कमरे में बैठी पढ़ रही थी। जबकि उसका लड़का मोहम्मद कैफ उनके पास में बैठा मोबाइल में गेम खेल रहा था। दोपहर करीब दो बजे बेसमेंट में शॉर्ट सर्किट से आग की चिंगारी निकली और इसके बाद एक बिजली के तारों से धुंआ उठना शुरू हो गया।
मकान के खिड़की नहीं होने से धुंआ बाहर नहीं जा सका और देखते-देखते ही पूरा मकान धूएं से भर गया। इधर, बच्चे दूसरी मंजिल पर होने से उन्हें पता नहीं लगा और पत्नी ग्राउंड फ्लोर पर साफ-सफाई करती-करती गश खाकर गिर पड़ी। इसके बाद बाहर चाय की दुकान पर बैठे लोगों ने धुंआ उठता देखा तो वे लोग भागकर गए और बच्चों सहित उसकी पत्नी को मकान से बाहर निकाला। तीनों बच्चों की सेहत में सुधार होने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई।
सीढि़यों के जरिए पहुंचा धुंआ
मकान मालिक आबिद के अनुसार मकान में खिड़कियों का अभाव है। इस कारण धुंआ बाहर नहीं निकलकर सीढि़यों के जरिए ऊपर कमरों तक पहुंच गया। हालांकि हादसे से कोई बड़ा नुकसान तो नहीं हुआ। लेकिन, धूएं के कारण परिवार के लोगों का दम घुट गया था। अनियोजित तरीके से बसे शहर में यह हालात बन गए हैं कि कोई हादसा भी हो जाए तो दमकल के पहुंचने तक का रास्ता है। मंगलवार को शहर में हुई इस घटना के बाद शहर के लोगों में इसकी चर्चा रही। शहर में अधिकांश जगह एेसी है कि रास्ते संकरे होने के कारण कई बार समय पर दमकल भी नहीं पहुंच पाती है। गनीमत रही है कि मंगलवार को हुए हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ।