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सीकर

अगर आप भी खाटूश्यामजी बाबा श्याम के दर्शन करने जा रहे हैं तो पास में मौजूद इन 5 धार्मिक स्थलों पर जाना ना भूलें

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3 months ago
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सीकर में धार्मिक दृष्टि से सबसे ज्यादा श्रद्धालु आते हैं। यहां खाटूश्यामजी के अलावा और भी कई धार्मिक स्थल मौजूद है। अगर आप बाबा श्याम के दरबार में दर्शन करने के लिए आ रहे हैं तो 40 किलोमीटर के एरिया में आने वाले इन प्रमुख धार्मिक स्थलों पर जरूर जाएं।

श्याम कुंड:

खाटूश्यामजी में बाबा श्याम के दर्शन करने के बाद आप एक किलोमीटर के एरिया में ही मौजूद श्याम कुंड जा सकते हैं। इसी श्याम कुंड से बाबा श्याम का शीश गाय चराने वाले ग्वाले को मिला था। इस श्याम कुंड में स्नान करके आप मन्नत का धागा और नारियल बांधकर बाबा श्याम से अपनी मनोकामना मांग सकते हैं। श्याम के दर्शन के बाद श्याम कुंड सबसे बेहतरीन डेस्टिनेशन है। यहां आपको श्याम श्रद्धालुओं की अलग ही छाप देखने को मिलेगी।

 

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जीण माता मंदिर:

खाटूश्यामजी से लगभग 35 किलोमीटर दूर आदि शक्ति मां जीण भवानी का मंदिर मौजूद है। जीण माता को मां दुर्गा का अवतार माना जाता है। जीण माता का मंदिर पहाड़ी की तलहटी में मौजूद है। खाटूश्यामजी से जीण माता मंदिर जाते समय आपको रेतीले, पहाड़ी व जंगली क्षेत्र से होकर गुजरना होगा। यह सफर आपके लिए बेहद ही यादगार रहेगा। यहां पहुंचने के बाद माता की चुनरी और प्रसाद लेकर आसानी से मां जीण भवानी के दर्शन कर सकते हैं।

 

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हर्ष की पहाड़ी:


हर्ष भैरव का मंदिर 3000 फीट ऊंची पहाड़ी पर मौजूद है। यहां पर 900 वर्ष से अधिक प्राचीन शिव मंदिर भी है। इस मंदिर की स्थापना चौहान शासकों ने की थी। हिस्टोरिकल ट्रेवलिंग करने वालों के लिए यह जगह राजस्थान में सबसे बड़ा पॉइंट है। इस पहाड़ी की ऊंचाई पर जाने के लिए पक्की सड़क बनाई हुई है। गाड़ी व मोटरसाइकिल से भी इस पहाड़ी की चोटी पर जाया जा सकता है। हर्ष की पहाड़ी पर सनराइज और सनसेट की बेहतरीन फोटो कैप्चर करने के लिए टूरिस्टों का हमेशा जमावड़ा लगा रहता है।

 

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रींगस भैरूजी:

खाटूश्यामजी से 17 किलोमीटर दूर रींगस कस्बे में भैरूजी का मंदिर है। अगर आप फैमिली के साथ खाटू श्याम जी के दर्शन करने के लिए ट्रिप पर निकले हैं तो रींगस भैरूजी के दर्शन जरूर करें। यहां पर आपको जमीन के अंदर समाई हुई भैरूजी महाराज की मूर्ति देखने को मिलेगी। इस मंदिर में जात और जाडूलो के लिए रोजाना हजारों श्रद्धालु आते हैं। ये मंदिर उज्जैन के महाकाल मंदिर के बाद सबसे प्रसिद्ध भैरूजी का मंदिर है। इस मंदिर में प्रसाद के रूप में दारू भोग लगाया जाता है। मनोकामना पूरी करने के बाद भक्त इस मंदिर में जिंदा बकरे को छोड़कर जाते हैं।

 

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सायर माता मंदिर:

सायर माता का मंदिर खाटूश्यामजी से महज 25 किलोमीटर दूरी पर स्थित करणी कोट मंदिर पहाड़ी पर है। सायर माता चारण जाति की कुलदेवी है। ये करणी माता का अवतार मानी जाती है। ये मंदिर मैदानी क्षेत्र के बीच में बनी पहाड़ी (पाना पहाड़ी) पर बना हुआ है। इस मंदिर से मैदानी क्षेत्र का बेहतरीन नजारा देखने को मिलता है। यहां पर सायर माता के अलावा करणी माता का मंदिर भी मौजूद है। इस मंदिर में राजस्थान सहित दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।

 

 

 

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