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सीकर निकाय चुनाव: निर्दलीय प्रत्याशियों ने मुकाबला बनाया रोचक, परंपरागत वोटों में लग रही है सेंध

locationसीकरPublished: Nov 13, 2019 11:17:28 am

Submitted by:

Naveen

Rajasthan Local Body Election 2019 : निकाय चुनाव में कांग्रेस और भाजपा ( BJP ) हॉट सीटों पर कमजोर चेहरों से जूझ रही हैं। प्रमुख नेताओं की प्रतिष्ठा बनी इन सीटों पर दोनों ही पार्टियां किसी भी तरह अपने उम्मीदवार जिताना चाह रही है।

सीकर निकाय चुनाव: निर्दलीय प्रत्याशियों ने मुकाबला बनाया रोचक, परंपरागत वोटों में लग रही है सेंध

सीकर निकाय चुनाव: निर्दलीय प्रत्याशियों ने मुकाबला बनाया रोचक, परंपरागत वोटों में लग रही है सेंध

सीकर.

Rajasthan Local Body Election 2019 : निकाय चुनाव में कांग्रेस और भाजपा ( BJP ) हॉट सीटों पर कमजोर चेहरों से जूझ रही हैं। प्रमुख नेताओं की प्रतिष्ठा बनी इन सीटों पर दोनों ही पार्टियां किसी भी तरह अपने उम्मीदवार जिताना चाह रही है। इसके लिए जनसम्पर्क और नुक्कड़ सभाओं के साथ दबाव के हथकंडे भी अपनाए जा रहे हैं। यह स्थिति भाजपा के मुकाबले कांग्रेस ( Congress ) में ज्यादा हैं। इसकी वजह यह है कि कांग्रेस के अधिकतर दिग्गज नेताओं के निवास सीकर शहर में ही स्थित है। भाजपा की स्थिति देखें तो सांसद और जिलाध्यक्ष भी नगर परिषद ( sikar nagar parishad ) क्षेत्र से बाहर के निवासी हैं। पूर्व विधायक रतनजलधारी का वार्ड आठ लम्बे समय से भाजपा का परंपरागत क्षेत्र हैं। इस बार भी भाजपा ने कई बार परिषद का प्रतिनिधित्व कर चुके अर्जुन झाझुका के बेटे ललीत झाझुका को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने भी महाजन जाति के ही नवीन अग्रवाल को मैदान में उतारा है। लेकिन इस वार्ड में तीन निर्दलीय पवन कुमार, मुरारीलाल और संदीप तंवर ने गणित को बिगाड़ रखा है।


फतेहपुर और नवलगढ़ रोड पर विशेष नजर
कांग्रेस की स्थिति देखी जाए तो फतेहपुर और नवलगढ़ रोड के वार्डों पर मतदाताओं की कड़ी नजर है। वजह है कि इस क्षेत्र में कांग्रेस के दिग्गज सुभाष महरिया, गोविन्द डोटासरा, नारायण सिंह, जिलाध्यक्ष पी.एस.जाट सहित कई नेताओं के मकान है। हालांकि दिग्गज नेता चुनाव के प्रचार में सक्रियता कम ही दिखा रहे हैं। इसकी प्रमुख वजह मनमाफिक प्रत्याशियों को टिकट नहीं मिलना है। लेकिन यहां कांग्रेस कमजोर नहीं रहना चाह रही और भाजपा लगातार मतदाताओं से सम्पर्क बढ़ा रही है। इसके अलावा उपसभापति अशोक चौधरी का वार्ड 44 और उनके बेटे अनिल चौधरी का वार्ड कांग्रेस के लिए हॉट सीट बना हुआ है। भाजपा के लिए नेता प्रतिपक्ष अशोक चौधरी का वार्ड 27 भी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है। यहां कांग्रेस से जितेन्द्र सोनी मैदान में हैं।

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दिग्गज के वार्ड में सियासत के नए मोहरे
विधायक राजेन्द्र पारीक का वार्ड 20 कांग्रेस की प्रमुख हॉट सीट है। यहां पर भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ने ही राजनीति में नए प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। वार्ड में कांग्रेस से देवकीनंदन और भाजपा से कैलाशचंद्र शर्मा मैदान में हैं। लेकिन स्वतंत्र प्रत्याशी अंकित, द्वारका प्रसाद सैन और बजरंग लाल शर्मा ने मुकाबले को पंच कोणीय बना दिया है। कांग्रेस के लिए यहां पर पंजे को मजबूत रखना प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है, लेकिन भाजपा के साथ निर्दलीय प्रत्याशी वोटों का बंटवारा कर इसे कमजोर करने के प्रयास में हैं।


सभापति की प्रतिष्ठा दांव पर
नगर परिषद क्षेत्र का वार्ड 34 और 40 सभापति जीवण खां की प्रतिष्ठा का प्रश्न बने हैं। वार्ड 34 में उनकी पत्नी खतीजा और 40 में जीवण खुद मैदान में हैं। वार्ड 40 में भाजपा ने अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं कर के उनके लिए मैदान खाली छोड़ दिया। इस क्षेत्र से दो बार प्रतिनिधित्व करने वाली माकपा भी पीछे हट गई। लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी अमीरूद्दीन ने मैदान में खड़े रह कर मुकाबले को रोचक बना दिया। कांग्रेस यहां निर्दलीय का पर्चा वापस करवा कर जीवण खां का निर्वाचन निर्विरोध करवाना चाह रही थी, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिल पाई। हालांक वार्ड 34 कांग्रेस का परंपरागत वार्ड है। लेकिन यहां भी भाजपा मुस्लिम प्रत्याशी के दम पर मुकाबला करने का प्रयास कर रही है।

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