दवा भी बंद कर दी
चूरू जिले की राजगढ़ तहसील के गांव संाखू फोर्ट निवसी 70 वर्षीय जगदीश प्रसाद शर्मा ने कैंसर से जंग जीत ली है। अब वे पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं। यहां तक कि करीब तीन साल से उनकी दवा भी बंद है। अब उन्हे कोई तकलीफ नहीं है। इस बीमारी से लड़ते हुए उन्होंने गांव की श्मशान भूमि में पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए पौधे लगाकर उनकी देख-रेख भी करते हैं। जगदीश प्रसाद ने बताया कि वे दिल्ली में एक प्लास्टिक फैक्ट्री में अकाउंटेंट कम मैनेजर के पद पर कार्यरत थे। 12 साल पहले जांच में उन्हे मुंह का कैंसर बताया गया। इसके बाद उन्होंने करीब एक साल तक दवा की और कीमो लगवाए। लेकिन सही नहीं हो रहा था। इस पर उन्होंने रोहतक पीजीआई में ऑपरेशन करवा लिया। 2005-06 में उनका ऑपरेशन हो गया। इसके कुछ दिन बाद वे देशी दवा का उपयोग करने लगे। अब वे पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं।
बीमारी से लडऩा सीखे
सीकर निवासी वासुदेव सोनी ने बताया कि वर्ष 2014 में उनको कैंसर है। बकौल, वासुदेव जांच वाले दिन अकेले थे। उसी पल सोच लिया कि बीमारी से लड़ेंगे लेकिन हिम्मत नहीं हारेंगे। इसके बाद परिचित चिकित्सकों के जरिए सीकर में ही उपचार लिया। वह बताते है कि उपचार के दौरान कई बार आत्मविश्वास डगमगाया लेकिन आध्यात्मय व परिजनों का सहारा मिला। इस बीमारी के साथ तनाव लेना गलत है। इसके उपचार के रास्ते खोजे जाए तो ज्यादा बेहतर है। अब भी पूरी तरह स्वस्थ्य है। सांवली रोड स्थित राठी हॉस्पिटल के डॉ. अंकुश राठी ने बताया कि इस बीमारी की जांच और उपचार में बिल्कुल देरी नहीं करनी चाहिए।
पर्यावरण को बढ़ावा देने को कर रहे काम
बीमारी से लड़ाई के साथ जगदीश ने पेड़-पौधों की सेवा करना अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लिया। शर्मा ने गांव की श्मशान भूमि परसानिया में कुछ साल पहले दो सौ पौधे लगाए जिसमें सौ पौधे आज तैयार हो चुके हैं। 50 काफी बड़े हो गए हैं और 50 अभी कुछ छोटे हैं। शर्मा नियमित रूप से सुबह दो घंटे श्मशान भूमि में जाकर पौधों की देखरेख करते हैं।