सीकर जिले के गांव बेसवा के रास्ते में छह अक्टूबर की रात को फतेहपुर कोतवाल मुकेश कानूनगो व कांस्टेबल रामप्रकाश की गोली मारकर हत्या कर देने के बाद आरोपियों को पुलिस ने नवलगढ़ के पास रोक भी लिया था। पिकअप में घायल अवस्था में सवार हमलावरों को जब पुलिस ने पूछा तो उन्होंने पुलिस को झूठी प्रेम कहानी बताकर गच्चा दे दिया और इसके बाद उपचार कराने के लिए नवलगढ़ के एक अस्पताल में पहुंचे।
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यहां से फिर दूसरे रास्ते हुए वापस छोटी बिड़ोदी आए। इसके बाद आरोपी निर्माणों की ढाणी आए बताए और यहां से फिर बाइक लेकर कच्चे रास्ते होते हुए नीमकाथाना पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि यहां से जरिए ट्रेन ये लोग अहमदाबाद फिर पुणे और मुंबई के बाद इनका प्लान नेपाल भागने का था। लेकिन, दादर रेलवे स्टेशन के पास इनको दबोच लिया गया। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिसवालों को गोली मारने के बाद हमलावरों की गाड़ी पलट गई थी। जिसमें ये लोग घायल भी हो गए थे। हालांकि इसके बाद कुछ हमलावर अलग-अलग हो गए थे।
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जबकि बाकी के जैसे-तैसे बलारां थाना अंतर्गत रामपाल की बहन के घर छोटी बिड़ौदी पहुंचे बताए। चोट ज्यादा लगने पर यहां इनके लिए पिकअप मंगवाकर उपचार के लिए भेजा गया। नवलगढ़ के पास नाकाबंदी के दौरान पुलिस ने पिकअप को रूकवाया और कहां से आने तथा कहां जाने की बात पूछी गई तो इन्होंने प्रेमिका से मिलने जाने की झूठी बात बताकर पुलिस को विश्वास में ले लिया।
आरोपियों कहा कि प्रेमिका से मिलने बाइक पर जा रहे थे। जल्दबाजी में बाइक स्लिप हो गई और वे लोग गिर गए थे। अब उपचार के लिए जा रहे हैं। पुलिस को जब विश्वास नहीं हुआ तो इनमें से एक ने रामपाल की बहन से बात करवा दी।
इधर, हुलिए से पुलिस इनको पहचान नहीं पाई और ये लोग पिकअप लेकर आगे बढ़ गए। नवलगढ़ के पास अस्पताल में इन्होंने मरहम पट्टी करवाई और वापस छोटी बिडोदी आए बताए।
सूत्रों का कहना है कि इसके बाद पुलिस ने अस्पताल जाकर तस्दीक भी की थी। लेकिन, इसके बाद आरोपी मौके पर नहीं मिले और अगले दिन नीमकाथाना के बाद आगे पार हो गए।