दो घंटे तक… कांपता रहा कलेजा लरजते रहे लफ्ज
भयावह मंजर और भयभीत भीड़ थी। मकान के मलवे के साथ आग से झुलसे लोगों के जले व कटे-फटे कपड़े चिथड़ों के रूप में इधर-उधर बिखरे थे। दहशत का नजारा देखने वालों की आंखे नमी के साथ डरी- सहमी थी। घटना के दो घंटे बाद भी कदम लडखड़़ाने के साथ उनके लफ्ज लरज रहे थे। कलेजा कांपने के साथ शरीर संतुलन से बाहर था। बड़ी मुश्किल से कुछ लोगों ने हिम्मत के साथ हादसा कुछ यूं बयां किया..
Live वीडियो में देखें भयावह मंजर: घर में किस तरह फटा गैस सिलेंडर, जिसमें झुलस गए 13 लोग
दौडकऱ आया
गैस सिलेंडर में बदबू आने पर मैं पड़ौस के ही कमरे से दौडकऱ आया। देखा तो सब लोग बाहर खड़े थे। मैं घर के अंदर घुसा और किचन से सिलेंडर बाहर निकालकर उसके कैप लगाई। लेकिन, गैस का बहुत ज्यादा रिसाव होने से में बाहर आने लगा। इतने में ही एक शख्स मोबाइल लेने के लिए अंदर बढ़ा। जिसे मैंने रोकने की कोशिश की। मगर वह नहीं माना। वो अंदर बढ़ा और मैं बाहर की ओर निकला ही था कि अचानक तेज धमाका हुआ और देखते ही देखते दर्जनों लोग मेरी आंखों के सामने आग के गोले के साथ बाहर गिरते दिखे। -शरीफ, पड़ोसी
मेरे सामने गिरे लोग
मैं पत्नी को स्कूल छोडऩे जा रहा था। देखा तो रास्ते में ही कुछ लोग सिलेंडर में आग लगने की बात कर रहे थे। यह सुन मैं रुक गया। सिलेंडर पर गीला कपड़ा लगाने की बात कहते हुए मैं मकान की तरफ बढ़ ही रहा था कि इसी दौरान फिल्मी स्टाइल में तेज विस्फोट के बीच आग के साथ उछलते हुए लोग मेरे सामने गिरे। मैंने तुरंत झुलसे लोगों की आग बुझाने की कोशिश के साथ चिल्लाकर लोगों को पानी लाने को कहा। कुछ देर में मौके पर लोग पहुंचने लगे और बाइक, ऑटो जो भी साधन मिला हताहतों को अस्पताल पहुंचाना शुरू किया। -भवानी सिंह, कॉलोनीवासी
घटना स्थल की ऊपरी मंजिल पर मैंने बच्चों को स्कूल के लिए तैयार कर भेज दिया था। इसके बाद चाय पीने के लिए बैठे ही थे कि अचानक तेज धमाके के साथ आग धधकी। भवन कांपता हुआ सा दिखा। चिल्लाते हुए हम लोग कांपते कदमों से डगमगाते हुए जैसे- तैसे वहां से बचकर बाहर आए। बाहर देखा तो लोग आग से झुलसे सडक़ पर पड़े थे। वो भयानक मंजर अब भी आंखों के सामने घूम रहा है। -सारिका बंसल