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सीकर अग्निकांड: इलाज के दौरान जिंदगी की जंग हारे तीन लोग, अब तक पता नहीं हादसे की असली वजह

Sikar Gas Cylinder Blast : शहर में लगातार दो दिन गैस सिलेंडर से हुए हादसे ने तीन लोगों ( Three Died in Sikar ) की जिंदगी छीन ली। जबकि पांच लोग जयपुर में अब भी जिंदगी के लिए मौत से जंग लड़ रहे है। वहीं तीन मौतों के साथ सीकर जिले के जिम्मेदार प्रशासन की संवेदना शायद मर गई है।

सीकरFeb 17, 2020 / 01:53 pm

Naveen

सीकर अग्निकांड: इलाज के दौरान जिंदगी की जंग हारे तीन लोग, अब तक पता नहीं हादसे की असली वजह

सीकर।
Sikar Gas Cylinder Blast : शहर में लगातार दो दिन गैस सिलेंडर से हुए हादसे ने तीन लोगों ( Three Died in Sikar ) की जिंदगी छीन ली। जबकि पांच लोग जयपुर में अब भी जिंदगी के लिए मौत से जंग लड़ रहे है। वहीं तीन मौतों के साथ सीकर जिले के जिम्मेदार प्रशासन की संवेदना शायद मर गई है। जिला प्रशासन के अधिकारी शनिवार को अन्य दिनों की तरह अपनी दिनचर्या में व्यस्त रहे। लेकिन कुरैशी क्वार्टर में हुए गैस हादसे से पीडि़त परिवारों की चीख-चीत्कार शायद उनके कानों तक अभी नहीं पहुंची है। इस बीच में जयपुर उपचाराधीन दो जनों की मौत ने कई परिवारों को गहरा दर्द दे दिया। इससे पूरा शहर आक्रोशित है। खास बात यह है कि जिम्मेदार जिला प्रशासन व डीएसओ अब तक हादसे की असली वजह भी उजागर नहीं कर सका। इधर, सिन्धी व पंजाबी समाज ने सोमवार को अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रखने का ऐलान किया है। समाज के लोगों ने रविवार रात को शेखपुरा मोहल्ला स्थित गुरुद्वारे में बैठक की। सोमवार को भी समाज के वरिष्ठ लोगों की बैठक होगी, इसमें आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से भी ज्ञापन दिए जाएंगे।

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डीएसओ: जांच अभी जारी है
रसद विभाग अभी तक जांच में जुटा है। जांच में अभी तक गैस सिलेण्डर कंपनी का नाम तक तय नहीं हो पाया। रसद विभाग अधिकारी महेंद्र सिंह नूनियां का कहना है कि गुरूवार को कुरैशी क्वार्टर शेखपुरा मौहल्ले की घटना में पीडि़त परिवार के सदस्यों से बातचीत नहीं हो पा रही है। हालांकि की कंपनी की जांच टीम ने उस व्यक्ति का पता लगाया है, जिससे पीडि़त परिवार ने गैस सिलेण्डर उधार लिया था। सोमवार को उससे बातचीत होने तथा रिपोर्ट मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में कंपनी ने पीडि़त परिवारों को राहत देने का एक रास्ता निकाला है। इसके तहत पीडि़त व्यक्ति को करीब 6 लाख रुपए तक की मुवावजा राशि मिल सकती हैं। इधर, धोद रोड घटना के बाद सिलेण्डर की जांच के लिए जांच टीम ने एजेंसी के स्टोक रजिस्टर भी चैक कर लिया। एक गैस एजेंसी की एलपीजी क्षमता 12 हजार किलो होती है। लेकिन महलावत गैस एजेंसी के स्टोक रजिस्टर के अनुसार 5 जनवरी 2020 को एलपीजी का स्टोक में 12,517 किलो एलपीजी पाया गया। हालांकि दोनों ही कंपनियों की जांच रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई है।

न्याय की मांग
शहर में हुए दो गैस हादसे को लेकर बसपा ने मुख्यमंत्री सहित अन्य अधिकारियों को शिकायत भेजी है। इसमें बताया कि घटना के कई दिन बाद भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है। बसपा के जिला महासचिव मुकेश राड़ ने बताया कि सरकार को तत्काल पीडि़त परिवारों को 25-25 लाख का मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने बताया कि जल्द दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा।

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