सीकर जिले के पांच नवाचार बेटियो को लेकर ब्रान्ड एम्बेसेडरो को कमान सौपना, पीले चांवल घर-घर बांटकर बेटियो को वापस शिक्षा से जोडना, जन्मोत्सव पर सामूहिक केक काटकर जलवा पूजन करना, 50 पंडितो को बुलाकर शादी मे आंठवा फेरा दिलाना अनिवार्य करना, बेटी जन्माने वाले माता पिता से एक पौधा जरूर लगवाना। सीकर जिले को देश के तीन टॉप जिलो मे शामिल किया गया है। जिनमे राजस्थान मे सीकर के अलावा जम्मू-कश्मीर का संाभा व आन्ध्रप्रदेश का कडप्पा क्षेत्र शामिल है। कार्यो को बाकी जगह भी इस्तेमाल कर फ ायदा उठाया जा सकता है।
डॉक्यूमेन्ट्री के लिए आएगी टीम जिले मे 22 जनवरी 2015 को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरूआत की गई थी। इसके बाद लिंगानुपात में भी एक हजार लडको पर 963 लडकियां जन्मने का सुधार देखने को मिला है। अभियान के दौरान जो नवाचार हुए उनकी डॉक्यूमेन्ट्री फि ल्म तैयार करने के लिए नेशनल चैनल की टीम सीकर भी आयेगी।
सोशल मिडिया के माध्यम से लोग दे रहे है बेटी बचाने का संदेश
इन दिनो बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान फे सबुक पर लोगो को खूब रास आ रहा है। फे सबुक के यूजर्स बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान को बढावा देने के लिए उत्तराखण्ड के जितेन्द्र दूबे के द्वारा बनाए गए लिंक को फ ोलो कर रहे है। लोग मेरी बेटी मेरा अभियान के शीर्षक के साथ अपनी बेटियों की फ ोटो लगाकर बेटी बचाने का संदेश दे रहे है। अब तक करीब तीस हजार से अधिक लोग इस लिंक को अपलोड कर चुके है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को लेकर आमजन बहुत जागरूक हुआ है।
इनका कहना यह एक सराहनीय पहल है। इस अभियान को लेकर लोगों में काफ ी उत्साह देखने को मिल रहा है। लोग सोशल मिडिया के माध्यम से भी बेटियों को बचाने का संदेश दे रहे है।
नरेश कुमार ठकराल,जिला कलक्टर सीकर
नरेश कुमार ठकराल,जिला कलक्टर सीकर
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के सीकर जिले के नवाचार पूरे देश मे लागू होंगे। पिछले महीने दिल्ली में हुई बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर जयप्रकाश नारायण ने प्रजेन्टेशन के जरिए सफ लता की कहानी साझा की है।
राजेन्द्र चौधरी, सहायक निदेशक, महिला अधिकारिता विभाग सीकर