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शिक्षा की जिला रैंकिंग में सीकर 5वें पायदान पर

locationसीकरPublished: Mar 05, 2021 06:24:38 pm

Submitted by:

Suresh

नामांकन बढ़ोतरी और अन्य सुविधाएं देने में चूरू राज्य में टॉप परप्रतापगढ़ सबसे फिसड्डी

शिक्षा की जिला रैंकिंग में सीकर 5वें पायदान पर

शिक्षा की जिला रैंकिंग में सीकर 5वें पायदान पर

लक्ष्मणगढ़. नामांकन बढ़ोतरी व सरकारी स्कूलों में अन्य सुविधाएं देने के मामले में सीकर जिले को पांचवी रैकिंग मिली है। शेखावाटी के चुरू ने टॉप किया है, वहीं जयपुर व हनुमानगढ़ दूसरे व तीसरे स्थान पर रहे है। शिक्षा विभाग की ओर से यह रैंकिंग 44 अलग-अलग बिंदुओं के आधार पर की जाती है। जिसमें विभाग के सरकारी स्कूलों में दी जाने वाली सुविधाएं व प्रगति को प्रत्येक माह शाला दर्पण पोर्टल पर अपलोड करना होता है। प्रदेश स्तर पर स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से इस रैंकिंग का निर्धारण किया जाता है। प्रदेश रैंकिंग की बात करें तो राज्य भर में पहले स्थान पर चूरू जिला है, जबकि प्रतापगढ़ सबसे फिसड्डी रहा है।
रैकिंग में प्रतापगढ़ को सबसे नीचली रैंकिग मिली है। इसी प्रकार दूसरे पर जयपुर, तीसरे पर हनुमानगढ़,चौथे स्थान पर टोंक व पांचवा नंबर सीकर जिले का है। इसके अलावा छठा चित्तौडगढ़़, सातवां दौसा, आठवां अलवर, नवां बीकानेर,दसवां बूंदी, ग्यारहवां झालावाड़, 12वां गंगानगर, 13वां डूंगरपुर, 14वां नागौर, 15वां भरतपुर, 16वां पाली,17वां भीलवाड़ा, 18वां झुंझुनू,19वां करौली, 20वां जोधपुर, 21वां सिरोही, 22वां कोटा, 23वां बारां, 24वां अजमेर, 25वां जालौर, 26वां सवाईमाधोपुर, 27वां बांसवाड़ा, 28वां बाड़मेर, 29वां राजसमंद, 30वां उदयपुर, 31वां धौलपुर, 32वां जैसलमेर जबकि 33वां और अंतिम स्थान पर प्रतापगढ़ जिले को मिला है।
इस आधार पर होता है रैंकिंग का निर्धारण
सरकारी स्कूलों में सभी सूचनाएं एकत्र करवाने के लिए शाला दर्पण पोर्टल पर विद्यालयों की श्रेणी, बेसिक प्रोफाइल, कार्मिकों की संख्या, नामांकन की स्थिति, विद्यालयों में उपलब्ध संसाधनों की सुविधा, सेवा रिकॉर्ड, विभिन्न प्रपत्र, वैकल्पिक विषय, संकाय, अक्षय पेटिका की स्थिति, कार्य संग्रहण, साइकिल वितरण व छात्रवृत्ति योजना समेत 44 बिंदुओं के आधार पर जिलों की रैंकिंग का निर्धारण किया जाता है।
इन कमियों से पीछे रह जाते हैं कई जिले
1. पोर्टल पर विभिन्न सूचनाओं के मॉडलों को सही तरीके से अपडेट नहीं करना
2. पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी स्तर पर मासिक प्रगति रिपोर्ट के अपडेशन का अभाव।
3. आधार लिंकेज व एसडीएमसी रजिस्ट्रेशन का पूर्ण नहीं होना।
4. जिला व ब्लाक शिक्षा कार्यालयों में पदस्थापित अधिकारियों द्वारा पर्यवेक्षण वह पीइइओ स्तर पर
सूचनाओं का सही अपडेशन नहीं होना

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