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हिमाचल प्रदेश के संजय ठक्कर ने बताया कि रोजाना तीन ट्रक बांग्लादेश भेजने की योजना है। जिसमें नासिक और गुजरात के बाद सबसे ज्यादा प्याज शेखावाटी का होगा। एक ट्रक में एक हजार टन प्याज आता है।
यह रहेगा एक्सपोर्ट के लिए मानदंड
एक्सपोर्ट के लिए प्याज की मोटाई तीस एमएम होनी चाहिए। प्याज की चार परत मोटे छिलके वाली और चटक लाल रंग होना जरूरी है। सीकर मंडी के प्याज कारोबारी नेमीचंद दूजोद ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के कुछ प्याज कारोबारियों ने संपर्क किया है। उनका कहना है कि मीठा होने के कारण और उत्पादन कम होने से इस बार शेखावाटी के प्याज की मांग ज्यादा है। इसलिए हमने वहां भेजने के लिए स्टॉक करना शुरू कर दिया है।
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यहां मिलते हैं 8.75 रुपए किलो और हिमाचल दे रहा है 12 रुपए
संजय ठक्कर ने बताया कि सीकर मंडी से खरीदे गए प्याज की औसतन कीमत थोक में प्रति किलो पौने नौ रुपए रही है। इस प्याज को सीकर से हिमाचल भेजने के बाद थोक लागत 12 रुपए प्रति किलो तक पहुंच जाएगी। जहां से प्याज को एक्सपोर्ट के लिए नई पैकिंग में बदल कर भेजा जाता है। सीकर मंडी कारोबारियों के अनुसार बांग्लादेश में यह प्याज औसत 1400 रुपए प्रति मण के हिसाब से बेचा जाता है। इससे शेखावाटी के किसानों को उपज का अच्छा भाव मिल जाएगा।