पिता करते है मजदूरी, अभावों में देखा सपना
भावना के पिता रामकृष्ण मीणा गांव में ही मजदूरी करते है। अभावों में आगे बढऩे वाली बेटी ने संघर्ष को अपनी राह चुना। उन्होंने परिवार की आर्थिक स्थिति को देखकर भी हार नहीं मानी। यह बात उन्होंने कोच को बताई तो उन्होंने भी काफी मदद की। फिलहाल वह जयपुर की इवेंट क्रिकेट एकेडमी में चार से छह घंटे नियमित अभ्यास करती है।
लक्ष्य: भारतीय टीम से खेलकर सीकर का मान बढ़ाना
दो मैचों में सात विकेट झटके, मिली सीनियर टीम में जगह
हाल ही में आयोजित सीनियर महिला चैलेंजर ट्रॉफी में दो मैचों में सात विकेट लिए थे। इसके बाद वह चयनकर्ताओं की नजर में आ गई। उसे सीनियर टीम में शामिल किया है। इससे पहले वह अंतर विश्वविद्यालय, अंडर 19, अंडर 23 व वेस्ट जोन क्रिकेट प्रतियोगिता मेंं 40 से अधिक विकेट झटक चुकी है।
एक्सपर्ट व्यू: क्रिकेट में लगातार मजबूत हो रही है धाक
सीकर की धरती शिक्षा के साथ खेलों में भी काफी आगे है। यहां की धरती से आईपीएल तक का सफर आदित्य गढ़वाल ने तय किया। अब लक्ष्मणगढ़ की बेटी को रणजी टीम में जगह मिली है। क्रिकेट में सफलता हासिल करना बेहद चुनौतीपूर्ण काम है। भावना की सफलता से अन्य बेटियों को भी प्रेरणा मिलेगी।
सुभाष जोशी, सचिव, जिला क्रिकेट संघ