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बहरीन के लिए दृष्टिबाधित ने सात दिन किया संघर्ष, आखरी दिन शामिल हो अन्र्तराष्ट्रीय प्रतियोगिता में बढ़ाया प्रदेश का मान

locationसीकरPublished: Dec 07, 2021 10:21:57 am

Submitted by:

Sachin

सीकर. बहरीन में आयोजित यूथ गेम्स में राजस्थान की सीकर जिला निवासी दृष्टिबाधित शालिनी ने 800 मीटर दौड़ में चौथा स्थान हासिल कर शेखावाटी का मान बढ़ाया है।

बहरीन के लिए दृष्टिबाधित ने सात दिन किया संघर्ष, आखरी दिन शामिल हो अन्र्तराष्ट्रीय प्रतियोगिता में बढ़ाया प्रदेश का मान

बहरीन के लिए दृष्टिबाधित ने सात दिन किया संघर्ष, आखरी दिन शामिल हो अन्र्तराष्ट्रीय प्रतियोगिता में बढ़ाया प्रदेश का मान

सीकर. बहरीन में आयोजित यूथ गेम्स में राजस्थान की सीकर जिला निवासी दृष्टिबाधित शालिनी ने 800 मीटर दौड़ में चौथा स्थान हासिल कर शेखावाटी का मान बढ़ाया है। सात दिन दिल्ली में बहरीन जाने का संघर्ष और प्रतियोगिता में आखिरी दिन शामिल होने की वजह से शालिनी पदक से चूक गई। शालिनी का कहना है कि वीजा समय पर नहीं मिलने की वजह से 1500 और 400 मीटर की प्रतियोगिता में वह शामिल नहीं हो सकी। इन प्रतियोगिताओं के लिए उसने सबसे ज्यादा तैयारी की थी। प्रतियोगिता में शामिल होने का उनको काफी मलाल है। शालिनी के गाइड धर्मेन्द्र सिंह व मां सरोज भामू ने बताया कि चार दिसम्बर को रात साढ़े बारह बजे बहरीन पहुंचे। अगले दिन शाम को चार बजे 800 मीटर दौड़ का मुकाबला हुआ। यात्रा की थकान की वजह से परिणाम पर असर आया है। उनका लक्ष्य अब अगली राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पदक जीतना है। दृष्टिबाधित शालिनी पिछले कई वर्षो से विभिन्न प्रतियोगिताओं की तैयारी में जुटी है। कई प्रतियोगिताओं में वह पदक भी जीत चुकी है। बहरीन में मंगलवार को प्रतियोगिता का समापन समारोह होगा।

वीजा में गलती से बढ़ी परेशानी, पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
गौरतलब है कि शालिनी के वीजा में गलती हो गई थी। जिसकी वजह से वह दिल्ली से समय पर रवाना नहीं हो सकी। वीजा की गलती को सही करवाने के लिए वह े सात दिन तक दिल्ली में बैठी संघर्ष करती रही। इस दौरान राजस्थान पत्रिका ने समाचार अभियान के जरिए बेटी के दर्द को मंत्रालय तक पहुंचाया था। इसके बाद हरकत में आए अधिकारियों ने ई-वीजा जारी कराया था। जिसके बाद वह बहरीन के लिए रवाना हुई। लेकिन, प्रतियोगिता के आखरी चरण में पहुंचने व सफर की थकान की वजह से वह पदक से चूक गई।

हर बार परेशानी, स्थायी राहत का इंतजार
खेल संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि खिलाडिय़ों को ट्रायल से लेकर खेल विभाग के पुरस्कार व नौकरी के लिए हर बार इस तरह की सरकारी खामियों से जूझना पड़ता है। शेखावाटी के खिलाडिय़ों की ओर से पेरा व सामान्य खिलाडिय़ों की सभी जानकारी जुटाकर खेल विभाग को दी जाएगी। खिलाडिय़ों का कहना है कि इससे वीजा सहित अन्य प्रक्रिया में खिलाडिय़ों को ज्यादा नहीं जूझना पड़ेगा।

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