वीजा में गलती से बढ़ी परेशानी, पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
गौरतलब है कि शालिनी के वीजा में गलती हो गई थी। जिसकी वजह से वह दिल्ली से समय पर रवाना नहीं हो सकी। वीजा की गलती को सही करवाने के लिए वह े सात दिन तक दिल्ली में बैठी संघर्ष करती रही। इस दौरान राजस्थान पत्रिका ने समाचार अभियान के जरिए बेटी के दर्द को मंत्रालय तक पहुंचाया था। इसके बाद हरकत में आए अधिकारियों ने ई-वीजा जारी कराया था। जिसके बाद वह बहरीन के लिए रवाना हुई। लेकिन, प्रतियोगिता के आखरी चरण में पहुंचने व सफर की थकान की वजह से वह पदक से चूक गई।
हर बार परेशानी, स्थायी राहत का इंतजार
खेल संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि खिलाडिय़ों को ट्रायल से लेकर खेल विभाग के पुरस्कार व नौकरी के लिए हर बार इस तरह की सरकारी खामियों से जूझना पड़ता है। शेखावाटी के खिलाडिय़ों की ओर से पेरा व सामान्य खिलाडिय़ों की सभी जानकारी जुटाकर खेल विभाग को दी जाएगी। खिलाडिय़ों का कहना है कि इससे वीजा सहित अन्य प्रक्रिया में खिलाडिय़ों को ज्यादा नहीं जूझना पड़ेगा।