scriptइसी मिट्टी में दफन होने को तैयार हैं राजस्थान की ये महिलाएं, जानिए क्यों? | Sikar women's protest against Mukundgarh-Salasar Highway Toll Road | Patrika News

इसी मिट्टी में दफन होने को तैयार हैं राजस्थान की ये महिलाएं, जानिए क्यों?

locationसीकरPublished: Feb 17, 2018 11:31:18 am

Submitted by:

vishwanath saini

मुकुंदगढ़-सालासर हाईवे टोल रोड बनाने के लिए बिना मुआवजा दिए ही ग्रामीणों की जमीन अधिग्रहण के मामले को लेकर महिलाओं का धरती गाड़ सत्याग्रह आंदोलन शुरू

laxmangarh

लक्ष्मणगढ़.

सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ उपखंड के गांव बासनी बंजारा बस्ती के पास मुकुंदगढ़-सालासर हाईवे टोल रोड बनाने के लिए बिना मुआवजा दिए ही ग्रामीणों की जमीन अधिग्रहण के मामले को लेकर ग्रामीणों ने शुक्रवार को धरती गाड़ सत्याग्रह आंदोलन शुरू कर दिया। इस दौरान सैकड़ों की तादाद में ग्रामीणों व महिलाओं ने अपने आधे शरीर को जमीन में गाडकऱ सरकार व टोल कंपनी के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया।

 

महिलाओं ने प्रदर्शन के दौरान विभिन्न नारों से लिखी तख्तियां भी लहराई। ग्रामीणों ने कहा कि मर जाएंगे पर धरती माता को हाथ लगाने नहीं देंगे। इस मौके पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने जमीन के बदले जमीन व मकान के बदले या फिर बाजार भाव का 10 गुना पैसा नहीं देते तक ग्रामीणों का आंदोलन जारी रहेगा। वक्ताओं ने कहा कि सरकार की बड़ी योजनाओं में हमेशा गरीब की मौत होती हैं, परन्तु इस बार ऐसा नहीं होने देंगे। अपने हक की लड़ाई लडऩे के लिए ग्रामीण ईंट से ईंट बजा देंगे।

 

सभा को पूर्व पंचायत समिति सदस्य नरेन्द्र बाटड़, फौजी संसार मील, सरपंच महेश ढेवा, हरफुल गोदारा, जाट विकास समिति अध्यक्ष नथमल ढाका, लालचन्द झाझोटिया, देवेन्द्र महरिया, मास्टर शिशपाल सिंह राव, नत्थूराम ढुकिया व गोपाल लाटा ने सम्बोधित किया। सभा का संचालन सरपंच हंसराज बाटड़ व राकेश भोजासर ने किया।

 

इस मौके पर मदनलाल महरिया, रामवतार गिठाला, फुलचन्द सिंह, मनोज महला, विद्याधर गिठाला, बन्टी राजपुत, मोहन लाल, रामकरण रुहेला, सरदार सिंह ढाका, गणेशाराम मेघवाल,ओमप्रकाश, महावीर प्रसाद, प्रभाती जाट, ज्याना देवी, भगवानी देवी, कंचन सहित काफी ग्रामीण महिलाएं व जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

 

इन्होंने जताया विरोध

 

नरेन्द्र बाटड़ ने बताया कि धरती गाड़ समाधि में गीता देवी, संतोष, सुमित्रा, शारदा, छोटी देवी, तारामणी, बादामी देवी, बिमला, मंजू, बनारसी, सायर कंवर, मुन्नी कंवर, गुलाब कंवर, मनोज कंवर, मुकेश कंवर, सुगना देवी , मुकेश गिठाला सिंगदङा, नथमल ढाका, जितेन्द्र सिंह राजपूत, नरेश सैनी, गणपत धाभाई, महेश चलका, सत्यप्रकाश शर्मा, सुवाराम मेघवाल, महेन्द्र सिंह राजपूत, भगवानाराम धाभाई, प्यारेलाल सैनी व विकास ढाका ने भाग लेकर अपने आधे शरीर को जमीन में गाड़ दिया। महिलाओं ने कहा कि वे जान दे देंगी, लेकिन औने-पौने दामों में जमीन नहीं देंगी।
बाटड़ ने बताया कि आंदोलन को गति देने के लिए सोमवार को ग्रामीण किसान कृषि औजारों के साथ उपखंड मुख्यालय के प्रमुख रास्तों पर पैदल मार्च कर विरोध जताएंगे। उसके बाद उपखंड कार्यालय का घेराव किया जाएगा।

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