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PHOTOS : घोड़ी पर बैठी ये दुल्हन हैं सीकर की जिला प्रमुख, अपनी शादी में जमकर नाचीं

सीकर की जिला प्रमुख अपर्णा रोलन। अपर्णा की शादी 10 दिसम्बर 2017 को है। प्रदेश में सबसे युवा जिला प्रमुख हैं

सीकरDec 08, 2017 / 11:38 am

vishwanath saini

सीकर. शेखावाटी में बेटियों की शादी में उन्हें घोड़ी पर बैठाकर बिनौरी निकाले जाने वाली दुल्हनों में जिले की प्रथम महिला का नाम भी शामिल हो गया है। ये हैं सीकर की जिला प्रमुख अपर्णा रोलन।
गांव हुकमपुरा में बुधवार रात को बेटे की तरफ शेरवानी पहने व साफा बांधे अपर्णा को घोड़ी पर बैठाकर बिनौरी निकाली गई, जिसमें परिवार के लोग जमकर नाचे। यही नहीं बल्कि अपर्णा खुद को भी नाचने से रोक नहीं पाई। वे घोड़ी से नीचे उतरकर खुद नाची। अपर्णा की शादी 10 दिसम्बर को है।
 

जानिए अपर्णा रोलन के बारे में

-अपर्णा रोलन 24 साल की है। प्रदेश में सबसे युवा जिला प्रमुख होने का गौरव इन्हें प्राप्त है।
-सीकर जिले को अपर्णा रोलन के रूप में लगातार तीसरी बार महिला जिला प्रमुख मिली हैं।
-रोलन में कांग्रेस के भंवरलाल वर्मा को 12 वोटों से हराया था।
– अपर्णा जिला प्रमुख बनीं तब राजस्थान यूनिवसिर्टी में फाइन आर्ट की स्टूडेंट थीं।
– रोलन को खाली समय में पेंटिंग व फोटोग्राफी का शौक है। घूमना भी काफी अच्छा लगता है।
-बॉलीवुड अभिनेताओं में अमिताभ, शाहरुख अपर्णा रोलन के फेवरेट हैं।
 


फेसबुक पर डाली बिनौरी की फोटो
सीकर की जिला प्रमुख सोशल मीडिया फ्रेंडली भी हैं। फेसबुक व वाट्सअप पर सक्रिय रहती हैं। अपनी शादी में बिनौरी की तस्वीरें भी इनके फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट की गई है, जिसमें खूब पंसद किया जा रहा है।
Sikar Zila Pramukh Aparna rolan Marriage
सीएम की हैं खास पसंद
जिला प्रमुख बनने के बाद अपर्णा का कहना था कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि जिला प्रमुख बनूंगी। किस्मत ने बहुत कुछ करने का मौका दिया है। भाजपा में जिला प्रमुख के लिए दो दावेदार थे। भाजपा के सभी विधायकों व सांसद की सहमति के बाद अपर्णा के नाम पर मुहर लगी थी। प्रदेश नेतृत्व व मुख्यमंत्री के यहां से इसी नाम के निर्देश मिलने से अपर्णा की राह आसान हुई।


शुरुआत में लगा जिला प्रमुख बनकर फंस गई

अपर्णा का कहना है कि जिला प्रमुख बनने के बाद तो उनकी पूरी दिनचर्या ही बदल गई। सुबह से घर पर मिलने वालों की भीड़ और दफ्तर जाओ तो फाइल ही फाइल। शुरुआत में तो लगा कि आखिर फंस गई। लेकिन फिर सोचा कि जब इस राह पर निकल पड़े हैं तो मेहनत करें। इनका कहना है कि एक महीने की कठिन मेहनत के बाद सब कुछ आसान हो गया।
Sikar Zila Pramukh Aparna rolan Marriage
राजनीति में आने से पहली बार किया मना

बकौल अपर्णा, मैं राजस्थान विश्वविद्यालय में अच्छे से पढ़ाई कर रही थी। मेरी ख्वाहिश थी कि लोगों की सेवा करूं। एक दिन पापा का फोन आया कि बेटा, राजनीति के जरिए भी देश सेवा की जा सकती है। पहली बार तो मना कर दिया, लेकिन जब पापा ने दुबारा फोन कर यही सवाल पूछा तो हां कर दिया। उस रात नींद नहीं आई और सोचती रही कि आखिर मैं सब कैसे मैनेज करूंगी। जैसे-तैसे नामांकन भर दिया और परिजनों के साथ पूरी मेहनत की तो जीत भी गई।
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