सुरक्षा के दावे कागजीएसके अस्पताल में फायर फाइटिंग सिस्टम सिस्टम से ओपीडी से लेकर हर वार्ड जोड़ा गया है। लेकिन जिम्मेदार निर्माण एजेंसी ने बिना कोई प्लानिंग के मनमर्जी से अस्पताल के सभी वार्डों में पाइप डाल दी। छत पर रखी पानी की टंकियों को सीधे पाइप लाइनों से जोड दिया। खास बात यह है कि 200 मरीजों की भर्ती क्षमता वाले इस अस्पताल मे आग बुझाने के लिए महज आठ हजार लीटर की पानी की चार टंकियां ही है। जबकि फायर फाइटिंग सिस्टम के लिए अंडरग्राउंड पानी का टैंक हो और उसकी क्षमता भी कम से कम तीस हजार लीटर की हो।
इसलिए नहीं मिलेगी एनओसी फायर फाइटिंग सिस्टम के लिए लगाए हाइड्रेंट पाइपों की फिटिंग जरूरी है। इसके बिना पानी का प्रेशर नहीं मापा जा सकता है। फायर फाइटिंग सिस्टम के लिए दो मोटर जरूरी है जिसमें एक स्टैंड बाय रहनी चाहिए। सिस्टम का कनेक्शन जनरेटर से होना जरूरी है क्योंकि आग लगने की स्थिति में सबसे पहले बिजली की लाइन काट दी जाती है। इसके अलावा आग बुझाने के लिए कर्मचारियों का प्रशिक्षित होना जरूरी है।
इनका कहना है एसके अस्पताल के फायर फाइटिंग सिस्टम की जांच की तो झुलते पाइप, टूटी दीवारों सहित पानी की कम क्षमता मिली। इस कारण फायर फाइटिंग सिस्टम की एनओसी नहीं दी जा सकती है।- सम्पत सिंह, अग्निशमन अधिकारी