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तो क्या अन्नदाता को महंगे बीज खरीदने से मिलेगी मुक्ति

locationसीकरPublished: Oct 19, 2019 05:47:11 pm

Submitted by:

Bhagwan

प्रदेश के किसानों को राहत देने के लिए प्रदेश में बीज गांव योजना में कृषि विभाग में अब किसान खुद अपने खेत में फसलों का बीज तैयार कर सकेंगे। इसके लिए कृषि विभाग हर ब्लॉक में कलस्टर बनाएगा।

Wheat will be a crisis for farmers after flood

रबी की बोवनी करते हुए मजदूर।

सीकर. प्रदेश के किसानों को राहत देने के लिए प्रदेश में बीज गांव योजना में कृषि विभाग में अब किसान खुद अपने खेत में फसलों का बीज तैयार कर सकेंगे। इसके लिए कृषि विभाग हर ब्लॉक में कलस्टर बनाएगा। रबी सीजन में दलहन को बढ़ावा देने के लिए समूह बनाए जाएंगे। जिसके जरिए आबोहवा के अनुसार किसान को वातावरण के अनुकूल बीज मिल सकेंगे। इन समूहों को कृषि विभाग की ओर से ६० प्रतिशत अनुदान पर बीज उपलब्ध कराए जाएंगे। इन बीजों के तैयार होने के बाद किसानों के समूह को तीन बार प्रशिक्षित किया जाएगा। कृषि विभाग की ओर से राज सीड्स के बीज उपलब्ध कराए जाएंगे।
प्रदेश के लिए लक्ष्य जारी

बीज गांव कार्यक्रम २०१९-२० के लिए प्रदेश के सभी जिलो में चना की बुवाई के लक्ष्य जारी कर दिए हैं। जिसके तहत प्रदेश के किसानो को पांच हजार २४७ क्विंटल चना का बीज अनुदान पर दिया जाएगा। औसत उत्पादन दस क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से अनुमानित बीज ८७ हजार ४५० क्विंटल तैयार होगा। सीकर जिले में १९९ क्विंटल चना का बीज बांटा जाएगा। जिससे जिले में अनुमानित उत्पादन ३३०० क्विंटल होगा। सबसे ज्यादा बीज वितरण प्रदेश में नागौर जिले में एक हजार क्विंटल होगा।
५० से १५० किसानों का समूह

सब मिशन ऑन सीड्स एंड प्लांटिंग मेटेरियल योजना के तहत ५० से १५० किसानों का समूह बनेगा। कार्यक्रम के तहत प्रत्येक किसान को ०.४ हेक्टेयर क्षेत्र के लिए बीज दिया जाएगा। इन समूहों के निदेशालय ने किसानों के समूहों का चयन करने की जिम्मेदारी उपनिदेशक कृषि को दी है। इसके लिए ओडीएफ गांव को प्राथमिकता दी जाएगी। किसानों को दिए जाने वाले बीज के प्रत्येक लॉट के साथ प्रयोगशाला की रिपोर्ट देनी जरूरी होगी। बीज वितरण के लिए कैम्प लगाए जाएंगे। किसानों को पहला प्रशिक्षण बुवाई के समय, दूसरा प्रशिक्षण फसल की फल-फूल की अवस्था, तीसरा प्रशिक्षण फसल कटाई के दौरान होगा।
अधिसूचित किस्म पर अनुदान:

बीज गांव योजना में कृषि विभाग ने पुरानी किस्मों की बजाए चना की दस वर्ष से कम अवधि की अधिसूचित किस्म पर ध्यान दिया गया है। अनुदान पर मिलने वाले बीजों के लिए फसल के दस वर्ष तक की अवधि के दौरान अधिसूचित किस्म को तरजीह दी गई है।
गाइडलाइन जारी

&बीज गांव योजना के तहत चना का बीज ६० प्रतिशत अनुदान पर दिया जाएगा। इसके लिए प्रदेश स्तर पर गाइड लाइन जारी हो गई है। सीकर में चना का बीज घस्सु का बास से लिया जाएगा। एसआर कटारिया, उपनिदेशक कृषि
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