पेड़ गिरने से हुई मौत
जानकारी के मुताबिक राजेंद्र वर्तमान में जॉकी यूनिट 15 ग्रनेडियर में तैनात था। राजेन्द्र को सुडान यात्रा से पहले दिल्ली में क्वारंटीन किया गया था। इस दौरान 9 जनवरी को खाना खाने से पहले हाथ धोने बाहर निकले राजेन्द्र पर एक पेड़ गिर गया। जिसमें वह गंभीर रुप से घायल हो गया। आर्मी अस्पताल में भर्ती कराने पर जवान के सिर का ऑपरेशन किया गया। लेकिन, चिकित्सक उन्हें बचाने में नाकामयाब रहे।
तिरंगा यात्रा निकाली
जवान राजेन्द्र की अंतिम यात्रा भी तिरंगा यात्रा के रूप में निकाली गई। जवान की पार्थिव देह सदर थाना पहुंचने की सूचना पर सैंकड़ों लोग वहां पहुंच गए। जहां से नारी गांव तक लंबी तिरंगा यात्रा निकाली गई। देश भक्ति गीतों व जयकारों की गूंज से इस दौरान माहौल देश भक्ति से ओत प्रोत हो गया। जवान का जगह जगह पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया।
शहीद का दर्जा देने की मांग
ग्रामीणों ने राजेंद्र कुमार को शहीद का दर्जा देने की भी मांग की है। परिजनों व ग्रामीणों का कहना है कि राजेंद्र कुमार ड्यूटी के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए हैं। ऐसे में उन्हें शहीद का दर्जा मिलना चाहिए। मांग को लेकर ग्रामीणों ने सदर थाने पर धरना भी दिया। बाद में पीसीसी चीफ डोटासरा, मंत्री रावत व विधायक हाकम अली के आश्वासन पर धरना खत्म किया गया।
21 साल की देश सेवा
परिजनों के मुताबिक राजेन्द्र 18 साल की उम्र में सेना मे भर्ती हुआ था। पिछले 21 साल से वह देश की सेवा में जुटा था। जवान के दो बच्चे भी हैं। जिनमें बड़ा बेटा सुमित 12 साल व बेटी वेनिका सात साल की है। राजेन्द्र का छोटा भाई बंशी भी सेना मे नियुक्त है।