हे राम… 3 शवों के साथ आक्रोशित जनता सड़कों पर, प्रशासन को जांच रिपोर्ट का इंतजार
पूरा परिवार उजड़ा
मृतक नंदलाल परिवार के साथ अजमेर से सीकर में आया था। यहां कुरैशी क्वार्टर में ही पैंतीस सौ रुपए में किराए पर कमरा लेकर रहने लगे। ठेला चलाकर परिवार का गुजारा करने लगा। साथ ही कालू भी ढाबे पर ही 6 हजार रुपए महीने में काम करने लग गया। परिवार के अन्य लोग भी छोटा-मोटा काम करने लगे। सब कुछ सामान्य चल रहा था कि 6 महीने पहले प्रशासन की ओर से जर्जर मकान होने पर खाली करने का नोटिस मिला। तब परिवार के लोग पड़ोस में ही शिफ्ट हो गए। यहां गैस हादसे ने पूरे परिवार को चपेट में ले लिया। एक-दूसरे को बचाने के प्रयास में परिवार के सभी लोग झुलस गए।
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चपेट में आया पूरा परिवार
गैस हादसे में नंदलाल, पत्नी जयंती, चंद्रमल के भाई अर्जुनदास, बेटा वासुदेव, चेतनदास व श्यामलाल के अलावा शकील अहमद, सत्यनारायण भी चपेट में आ गए थे। पूरा परिवार काफी समय से आर्थिक स्थिति से जूझ रहा था। परिवार के लोग प्लास्टिक के सामान बेच कर गुजारा कर रहे थे। चंद्रमल भी ऑटो चलाकर गुजारा करते थे।