scriptOMG: लड़कियों के जींस-टीशर्ट पहनने के बार में यह क्या बोल गए संत गुरु, आप भी चौंक जाएंगे जब पढ़ेंगे यह खबर | speak about dress of girl in sikar | Patrika News

OMG: लड़कियों के जींस-टीशर्ट पहनने के बार में यह क्या बोल गए संत गुरु, आप भी चौंक जाएंगे जब पढ़ेंगे यह खबर

locationसीकरPublished: Jul 13, 2017 12:44:00 pm

Submitted by:

dinesh rathore

जैन संत तरुण सागर ने अपने कड़वे प्रवचनों के भाग संख्या सात में कहा है कि लड़कियों का जींस टीशर्ट पहनना गलत नहीं है। लेकिन, उन्हें एेसे कपडे़ पहनने से बचना चाहिए।

जैन संत तरुण सागर ने अपने कड़वे प्रवचनों के भाग संख्या सात में कहा है कि लड़कियों का जींस टीशर्ट पहनना गलत नहीं है। लेकिन, उन्हें एेसे कपडे़ पहनने से बचना चाहिए। जिनमें फूहड़ता और अश्लीलता झलकती हो। खुले विचारों का मतलब मर्यादा की हदों को लांघना नहीं होना चाहिए। लड़कियों को देखना चाहिए कि फैशन-फरस्ती के नाम पर वे कुछ एेसा तो नहीं कर रही हैं, जो मर्यादा के खिलाफ हो। क्योंकि फैशन और व्यसन इन दो बुराइयों की वजह से युवा पीढ़ी अपनी वेल्थ और हेल्थ को बर्बाद कर रही है। जमाना मैचिंग का है। महिलाओं का ज्यादातर समय मैचिंग में बर्बाद होता है। हालांकि मैं मैचिंग के खिलाफ नहीं हूं। मेरा निवेदन सिर्फ इतना है कि वस्त्रों और आभूषणों के साथ अपना स्वभाव भी एेसा बनाओ कि वह कहीं भी मैच कर जाए। परिस्थिति के अनुरूप आदमी अपनी मन स्थिति बना ले तो उसके पचास फीसदी दुख आज और अभी खत्म हो जाएं। स्वभाव की मैचिंग करने वाला ही सुखी रह सकता है।
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सुख-दुख दोनों दूध के दांत

कड़वे प्रवचनों में जैन मुनि ने बताया कि संत की वाणी के करिश्मे से आदमी अभाव की जिंदगी में भी खुश हो जाता है। याद रखना कि सुख हो या दुख दोनों ही दूध के दांत हैं। इनका टूटना यानी जाना तय है। सुख-दुख स्थाई नहीं होते। स्थाई तो आनंद है, जो साधनों से नहीं साधना से मिलता है। बहुत कुछ पाना है तो सब कुछ छोड़ो और सब कुछ पाना है तो सब कुछ छोड़ो। क्योंकि भगवान महावीर और महात्मा बुद्ध दोनों ही राजपुत्र थे। पर सब पाने के लिए उन्होंने सक कुछ छोड़ दिया। इसलिए छोडऩा ही पाने का द्वार है। छूटेगा तो रागी कहलाओगे, छोड़ोगे तो वैरागी कहे जाओगे और खुद में लीन हो जाओगे तो वीतरागी बन जाओगे।
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