Read: महिलाओं की खबर : होने वाला है यहां कुछ ऐसा जिससे घर पर ही कर सकेंगी ये काम अब बदल गया दौर पुराने जमाने में तो बेटे के बिना परिवार की कल्पना ही नहीं की जाती। लेकिन अब दौर बदल गया है। यह कहना है कि लक्ष्मी देवी का। उनका कहना है कि पुराने जमाने में तो बेटे-बेटियों में काफी भेदभाव किया जाता था।
Read: 44 डिग्री तापमान में ये करने जाते हैं बच्चे, जानकर कांप जाएगी रूह अब चलाएंगे मुहिम सुभाष का कहना है नसबंदी के दौरान कई सामाजिक संस्थाओं से उनका सम्पर्क हुआ है। वह इस तरह के परिवारों की कहानियों को गांव-ढाणियों तक लेकर जाएंगे, ताकि दूसरे लोग भी प्रेरणा ले सकें। सेव गल्र्स चाइल्ड, हमारी बेटियां सहित कई संस्थाएं इनके परिवार की डॉक्यूमेन्टरी बनाने आएंगी।