आप तो पैसे दो, दुकान पर पहुंच जाएगा माल
पत्रिका टीम शहर में तीन थोक कारोबारियों के यहां पहुंची। जब कारोबारी से पॉलीथिन मांगी तो उसने एकबारगी मना कर दिया। फिर कहा कि आपकी दुकान कहां है, आज तक देखा नहीं। फिर जब बताया कि जयपुर रोड पर नई दुकान खोली है तो बोला कि आप तो पैसे दो माल आपकी दुकान पर पहुंच जाएगा। व्यापारी ने तर्क दिया कि कभी शिकायत नहीं हो इसलिए अनजान को माल नहीं देते। रेट बढऩे के सवाल पर कहा कि मिल रही है जो कम है क्या, सरकार ने पाबंदी लगा रखी है, आपको पता नहीं है क्या...।
एक लाख रुपए का माल लो तब मिलेगी एजेंसी
संवाददाता: सीकर के दो कस्बों में पॉलीथिन की एजेंसी लेनी है।
थोक कारोबारी: एजेंसी मिल जाएगी लेकिन पहले एक लाख रुपए का माल लेना होगा।
संवाददाता: माल कहां मिलेगा...।
थोक कारोबारी: सब्जी के ट्रकों में जयपुर से माल लोड करवा देंगे, इससे कार्रवाई का डर भी नहीं रहेगा।
संवाददाता: कभी कार्रवाई हो गई तो जिम्मेदारी किसकी।
थोक कारोबारी: आपको ही लोकल लेवल पर सेटिंग करनी पड़ेगी। आप कल आकर एक लाख रुपए जमा करा दो अगले दिन ही माल की सप्लाई मिल जाएगी।
पड़ताल: सब्जी-फलों के ट्रक व स्लीपर में आ रही पॉलीथिन
पत्रिका ने पड़ताल की तो चौंकाने वाला सच भी सामने आया। पहले पॉलीथिन की ट्रांसपोर्ट के जरिए सभी शहरों तक सप्लाई होती थी। प्रतिबंध के बाद सप्लाई कंपनियों ने अलग-अलग शहरों में माल भेजने का तरीका भी बदल लिया। अब सीकर सहित ज्यादातर शहरों में पॉलीथिन फल-सब्जी के ट्रकों के अलावा स्लीपर बसों में आ रही है। ताकि माल पकड़ में नहीं आ सके।
दावा: जयपुर, कोटा और अजमेर में क्?लोथ बेग वेंडिंग मशीन
पॉलीथिन बेचने पर सख्ती के साथ सरकार की ओर से नवाचार का दावा भी किया गया है। सरकार का दावा है कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से प्?लास्टिक कैरी बैग्?स के स्थान पर कपडे, जूट के बने बैग बनाने वाली संस्थाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मंडल की ओर से भी जयपुर, कोटा और अजमेर में क्?लोथ बेग वेंडिंग मशीन लगाई गई है। अगले चरण में अन्य जिलों में इस तरह की मशीन लगाने की योजना है।
हकीकत : पांच साल में महज एक फैक्ट्री पकड़ी, तीन करोड़ का जुर्माना
राज्?य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से पांच साल में पॉलीथिन बनाने वाली एक कंपनी को राजस्थान में पकड़ा गया है। टीम की ओर से जयपुर में अवैध तरीके से पॉलीथिन बनाने वाली फर्म के खिलाफ कार्रवाई की गई। विभाग की ओर से दस लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। प्रदेश में तीन साल में 265 टन प्लास्टिक कैरी बैग्स की जब्ती की गई और लगभग तीन करोड़ का जुर्माना लगाया।
एक्सपर्ट व्यू: जमीन में दबने पर भी नष्ट नहीं होती
स्वास्थ्य के साथ जमीन के लिए भी पॉलीथिन बेहद हानिकारक होती है। जिस जमीन के अंदर अधिक मात्रा में पॉलीथिन को दबाकर नष्ट किया जाता है, वहां उर्वरता भी नष्ट हो जाती है। पॉलीथिन की वजह से भू-जल स्तर गिरने के साथ पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है। पॉलीथिन एक ऐसा वेस्ट है जिसकोनष्ट होने में सैकड़ों साल लग जाते हैं।
सुदीप गोयल, सामाजिक कार्यकर्ता, सीकर