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#सूदखोरी : गरीबी और कर्ज से हो रही जिन्दगी तबाह, प्रशासन और पुलिस नही ले रही सुद

मजबूरी में तुरंत मिली आर्थिक मदद वर्तमान में उनके लिए श्राप बनती जा रही है

सीकरJun 28, 2018 / 10:50 am

vishwanath saini

#सूदखोरी : गरीबी और कर्ज से हो रही जिन्दगी तबाह, प्रशासन और पुलिस नही ले रही सुद

सीकर. मजबूरी में तुरंत मिली आर्थिक मदद वर्तमान में उनके लिए श्राप बनती जा रही है। सूदखोरी के दलदल में ऐसे दर्जनों परिवार फंसे हुए हैं। जिनके सूदखोरों के पास खाली चेक, स्टांप व प्लाट की रजिस्ट्री सहित मकान तक गिरवी पड़े हैं। लेकिन, अभी तक उनका ब्याज नहीं चुका है। हालत यह है कि वे लोग वर्षों से कमर तोडऩे वाले सूद और ब्याज की चक्की में ***** रहे हैं। लेकिन, उनकी सुद न तो प्रशासन ले रहा है और न ही पुलिस।

 


चुकाया चौगुना
उद्योग नगर थाने में दर्ज एक मुकदमे में धोद रोड का पवन सूदखोरी के दलदल में ऐसा फंसा था कि चौगुना पैसा देने के बाद भी उधारी बाकी रह गई। उसने बिजारणियों की ढाणी निवासी एक सूदखोर से सात लाख रुपए उधार लिए थे। आरोप है कि 28 लाख चुकाने के बाद भी दस लाख रुपए मांगे गए। राधाकिशनपुरा रहने वाले एक सूदखोर को पवन दस लाख के बदले 20 लाख चुकता कर चुका है। लेकिन, एफआईआर में फिर भी 23 लाख और देने की धमकी दर्ज कराई गई है।

 


बैंक से ज्यादा वसूला सूद
अपर पुलिस अधीक्षक डा. तेजपाल सिंह का कहना है कि सूदखोरी के मामलों में पुलिस पीडि़त के साथ खड़ी है। आरोपी कितना भी प्रभावशाली हो उसके खिलाफ कानूनन कार्रवाई की जाएगी। हालांकि जांच में कई ऐसे मामले आए हैं। जिनमें बैक से भी ज्यादा ऋण आरोपियों ने परिवादी से वसूला है। इनका रिकार्ड खंगाला जा रहा है। व्यापारी प्रवीण बूबना की मौत के मामले में भी पुलिस एक-एक बिंदु को ध्यान में रखकर जांच कर रही है। अनुसंधान किया जा रहा है और साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु के कारणों का खुलासा होते ही संबंधितों पर कार्रवाई संभव है।

 


प्लॉट करवाए नाम धोद रोड की ही पीडि़ता ऊषा के अनुसार सूदखोर के 30 लाख के बदले 20 लाख व साथ में एक प्लाट देने के बाद भी उसे और दस लाख देने की धमकी दी गई। जबकि गोकुलपुरा के एक सूदखोर ने 25 लाख के बदले उसका मकान गिरवी रख लिया था और दो प्लाट अपने नाम करा लिए थे।

 

धमकियां जारीधोद रोड की ही पीडि़ता ऊषा के अनुसार सूदखोर के 30 लाख के बदले 20 लाख व साथ में एक प्लाट देने के बाद भी उसे और दस लाख देने की धमकी दी गई। जबकि गोकुलपुरा के एक सूदखोर ने 25 लाख के बदले उसका मकान गिरवी रख लिया था और दो प्लाट अपने नाम करा लिए थे।


चेक रखा गिरवी
मुकदमे में किशन कॉलोनी के मुकेश ने खीचड़ों का बास के एक सूदखोर के खिलाफ ब्याज व पैसा चुकाने के बाद भी उसके हस्ताक्षर सुदा चेक वापस नहीं देने का आरोप लगाया था। जबकि मुकेश के अनुसार उसने आरोपी से केवल तीन लाख रुपए लेने के बाद उसका ब्याज भी अदा कर दिया था। लेकिन, और बकाया निकालकर वह चेक लेकर जाने की धमकी दे रहा है।


मामलों का नहीं हुआ खुलासा
जिले में सूदखोरी के जितने मामले दर्ज हुए पुलिस उनमे एक चौथाई का भी खुलासा नहीं कर पाई है। ऐसे में पुलिस की कार्य शैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पीडि़तों का कहना है कि यदि पुलिस सक्रियता दिखाती तो सूदखोरों पर लगाम लगाई जा सकती थी। लेकिन, वह भी कार्रवाई के बजाय समझौता कराने के प्रयास में समय बर्बाद करती रही। जिसका खामियाजा बेवजह पीडि़तों को ही भुगतना पड़ रहा है।

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