ये रखी मांग
ज्ञापन में शिक्षकों ने नई पेंशन की जगह पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने, मंहगाई भत्ता एरियर भुगतान करने, पारदर्शी स्थानान्तरण नीति बनाने, तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानान्तरण करने, पंचायत सहायक पैराटीचर एवं शिक्षा कर्मियों को स्थाई करने, वेतन विसंगति दूर करने, कुक कम हेल्पर का मानदेय बढ़ाने, एक ही भर्ती में बाद में नियुक्त शिक्षकों को नोशनल लाभ देने सहित कुल 16 मांग रखी।
एक जुलाई से जारी है आंदोलन
16 सुत्रीय मांग को लेकर राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत का प्रदर्शन एक जुलाई से जारी है। जिलाध्यक्ष विनोद पूनियां ने बताया कि 14 जून को संघ ने ज्ञापन भेजकर सरकार से अपनी मांग रखी थी। जिस पर कार्यवाही नहीं होने पर संगठन ने प्रथम चरण में 1 जुलाई को जिला शाखाओं के माध्यम से सरकार को आंदोलन का नोटिस दिया था। दूसरे चरण में 3 से 5 जुलाई तक ट्विटर अभियान चलाया। तीसरे चरण में 9 जुलाई को उप शाखाओं द्वारा आंदोलन का नोटिस देकर चौथे चरण में 10 से 28 जुलाई के बीच विधायकों को ज्ञापन दिए गए। पांचवें चरण में 15 जुलाई को भोजन अवकाश के समय स्कूलों में विरोध सभाएं कर प्रतिरोध दिवस मना कर सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया। लेकिन, इसके बाद भी सरकार ने सुनवाई नहीं की तो प्रांतीय आह्वान पर 26 जुलाई को उपखंड मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर एसडीएम व सीबीईओ के जरिये फिर ज्ञापन देकर मंगलवार को जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया गया है। जिसमें अब भी सरकार से मांग जल्द पूरी करने की बात लिखी है। पर फिर भी सरकार नहीं मानी तो संगठन प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन करेगा।