scriptगटर की कुई से 37 घंटे बाद भी नहीं निकला शव, मकान बना परेशानी | The body did not come out of the safety tank even after 37 hours | Patrika News

गटर की कुई से 37 घंटे बाद भी नहीं निकला शव, मकान बना परेशानी

locationसीकरPublished: Jun 24, 2021 01:32:33 pm

Submitted by:

Sachin

राजस्थान के सीकर जिले के कोलीड़ा गांव में मंगलवार को गटर की कुई में धंसे मजदूर केे शव को 37 घंटे बाद भी नहीं निकाला जा सका है।

गटर की कुई से 37 घंटे बाद भी नहीं निकला शव, मकान बना परेशानी

गटर की कुई से 37 घंटे बाद भी नहीं निकला शव, मकान बना परेशानी

सीकर. राजस्थान के सीकर जिले के कोलीड़ा गांव में मंगलवार को गटर की कुई में धंसे मजदूर केे शव को 37 घंटे बाद भी नहीं निकाला जा सका है। सिविल डिफेंस व स्थानीय प्रशासन को सफलता नहीं मिलने पर अब जयपुर से एसडीआरएफ की टीम बुलाई गई है। जो सुबह छह बजे से मजदूर का शव निकालने में जुटी है। मौके पर एसडीएम गरीमा लाटा सहित कई प्रशासनिक अधिकारियों सहित पुलिस जाब्ता मौजूद है।

मकान बना परेशानी, पांच बजे तक मिल सकती है सफलता
इधर, एसडीआएफ की टीम ने शाम पांच बजे तक मजदूर का शव निकाले जाने की संभावना जताई है। टीम सदस्यों ने बताया कि कुई मकान के बीच में स्थित है। जिसे गहरा करने पर मकान ढहने की आशंका रहती है। ऐसे में मकान के बीच से लंबी गहरी खुदाई करके सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है। जिसकी वजह से समय ज्यादा लग रहा है।


नई कुई खोदते समय धंसी थी पुरानी कुई
गौरतलब है कि मजदूर मनरूप मील गांव के ही गंगाधर गंगाधर बुडानिया के खेत में गटर की नई कुई खोद रहा था। जो पुरानी कुई के पास ही खोदी जा रही थी। जो मनरूप ने लगभग पूरी खोद दी थी। वह अंदर से मिट्टी की बाल्टी भरकर ऊपर पहुंचा रहा था। इसी दौरान पास स्थित पुरानी कुई ढह गई। जिसकी चपेट में आने से मनरूप भी उसमें धंस गया। सूचना पर पहुंची प्रशासन की टीम ने सिविल डिफेंस व स्थानीय लोगों की मदद से तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन भी शुरू किया। लेकिन, अब तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है।

चार बच्चों का पिता है मजदूर
मृतक मजदूर मनरूप चार बच्चों का पिता है। जानकारी के अनुसार उसके दो बेटी व दो बेटे हैं। जिनमें से दो बेटियों की शादी हो चुकी है। परिवार पालने के लिए मृतक लंबे समय से कुई खोदने का काम करता था।

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