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बुलंद हुई नीमकाथाना को जिला बनाने की मांग, स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष रखा जिले का प्रजेंटेशन

locationसीकरPublished: Aug 10, 2022 04:38:23 pm

Submitted by:

Mukesh Kumawat

सीकर/नीमकाथाना. नीमकाथाना को जिला बनाने की वर्र्षों पुरानी मांग फिर से तेज होने लगी है। क्षेत्रवासियों की मांग को विधायक सुरेश मोदी हर पटल पर सरकार के सामने पुरजोर तरीके से रख रहे हैं।

बुलंद हुई नीमकाथाना को जिला बनाने की मांग, स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष रखा जिले का प्रजेंटेशन

बुलंद हुई नीमकाथाना को जिला बनाने की मांग, स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष रखा जिले का प्रजेंटेशन

सीकर/नीमकाथाना. नीमकाथाना को जिला बनाने की वर्र्षों पुरानी मांग फिर से तेज होने लगी है। क्षेत्रवासियों की मांग को विधायक सुरेश मोदी हर पटल पर सरकार के सामने पुरजोर तरीके से रख रहे हैं। विधायक मोदी के नेतृत्व में पूर्व आईएएस केएल मीणा व आरएस जाखड़, पार्षद संजीव मोदी, पूर्व जिला परिषद सदस्य प्रवीण जाखड़, सतीश अग्रवाल एवं दिनेश अग्रवाल ने रामलुभाया कमेटी के सामने नीमकाथाना को जिला बनाने का 400 पेज का प्रस्तावित जिले का प्रेजेंटेशन दिखाया। प्रजेंटेशन से कमेटी को ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, व्यवसायिक महत्व, खनिज सम्पदा, पुरातत्व विभाग, कार्यक्षेत्र, धार्मिक पृष्ठभूमि, पर्यटन स्थल, भौगोलिक पृष्ठभूमि, प्रशासनिक तंत्र, नवीन प्रस्तावित जिले के राजस्व इकाइयों संबंधी आंकड़ेे, स्वास्थ्य सेवाएं, शैक्षणिक पृष्ठभूमि, रेल व बस सेवाएं, हवाई सेवा, शहीदों की पृष्ठभूमि, जिला (प्रस्तावित) की जनसंख्या, आंदोलनों का विवरण एवं प्रस्तावित मानचित्र दिखाकर विस्तार से समझाया गया।

1952 से हो रही है मांग

नीमकाथाना को जिला बनाने की मांग 1952 से लेकर वर्तमान तक नीमकाथाना क्षेत्र से चुने गए जनप्रतिनिधि करते आ रहे हैं। विधायक सुरेश मोदी ने विधानसभा एवं विभिन्न मंचों पर भी जिला बनाने की मांग प्रमुखता से रखी है। विभिन्न जनप्रतिनिधियों व जनसंगठनों से प्रस्ताव एवं ज्ञापन भी दिए है। क्षेत्रीय नागरिक परिषद, जयपुर ने भी नीमकाथाना की जनता की ओर से नीमकाथाना को जिला बनाने की मांग की है।

भौगोलिक दृष्टि से अलग है नीमकाथाना

प्रस्तावित जिले की भौगोलिक स्थिति व मांग की पृष्ठभूमि विश्व की प्राचीनतम पर्वत माला अरावली इस प्रस्तावित जिले को शेष जिले से पृथक करती है। प्रस्तावित जिला भौगोलिक दृष्टि से मैदानी प्रकार का है । इसमें जगह-जगह पर अरावली की छितरी हुई पहाड़ियां है। क्षेत्र में खंडेला की पहाड़िय़ों से राजस्थान की प्रसिद नदी कांतली बहती है। प्रस्तावित जिले की उत्तरी सीमा झुंझुनूं जिले से पूर्वी सीमा जयपुर व दक्षिण पश्चिम सीमा सीकर से एवं उतरी पश्चिती सीमा झुंझुनूं जिले से तथा उतरी पूर्वी सीमा हरियाणा राज्य से लगती है।

आसपास क्षेत्र का केंद्र है नीमकाथाना

प्राचीनकाल से ही नीमकाथाना शेखावाटी अंचल का केंद्र बिन्दु रहा है। वर्तमान में भी भौगोलिक, आर्थिक, सामाजिक राजनैतिक, शैक्षिक प्रशासनिक एवं जनसाख्यिकी दृष्टि से नीमकाथाना आस-पास के क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए जिला बनने के करीब सभी मापदंड पूर्ण करता है। प्रस्तावित जिले में सीकर की नीमकाथाना, श्रीमाधोपुर, खंडेला, रींगस, पाटन तहसील व झंझनूं जिले की खेतड़ी, उदयपुरवाटी व गुढ़ा तहसीलें शामिल की जा सकती है।

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