scriptनिर्दयी सिस्टम: 19 महीने में तीन बार घोषणा के बावजूद दिव्यांगों को रख रखा है बीपीएल श्रेणी से दूर | the disabled have been kept away from the BPL category | Patrika News

निर्दयी सिस्टम: 19 महीने में तीन बार घोषणा के बावजूद दिव्यांगों को रख रखा है बीपीएल श्रेणी से दूर

locationसीकरPublished: May 25, 2022 06:49:26 pm

Submitted by:

Gaurav

the disabled have been kept away from the BPL category
पिछले साल बजट में घोषणा होने के बाद भी प्रदेश के दिव्यांगों को अभी तक बीपीएल के समान सुविधाएं मिलना शुरू नहीं हुआ है। जबकि पिछले 19 महीनों में सरकार तीन बार घोषणा कर आदेश भी जारी करवा चुकी है।

Seeing the pain of Divyang, everyone's heart broke

Seeing the pain of Divyang, everyone’s heart broke

the disabled have been kept away from the BPL category

-सरकार! प्रदेश के 30 लाख दिव्यांगों के साथ यह कैसा मजाक
-बजट में घोषणा कर भूली सरकार, दिव्यांगों को मिलनी थी बीपीएल श्रेणी की सुविधाएं
-वित्त विभाग भी पिछले साल दे चुका मंजूरी, अब तक तीन आदेश जारी
सीकर. प्रदेश (Rajasthan) के 30 लाख दिव्यांगों (disable)के साथ सरकार भी मजाक करने पर तुली हुई है। पिछले साल बजट में घोषणा होने के बाद भी प्रदेश के दिव्यांगों को अभी तक बीपीएल के समान सुविधाएं मिलना शुरू नहीं हुआ है। जबकि पिछले 19 महीनों में सरकार तीन बार घोषणा कर आदेश भी जारी करवा चुकी है। दरअसल, वर्ष 2021 के बजट में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के दिव्यांगों को सभी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए बीपीपील श्रेणी में शामिल कराने की घोषणा की थी। कांग्रेस ने इस घोषणा को जन घोषणा पत्र में भी शामिल किया था। वित्त विभाग के साथ सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से भी प्रशासनिक व वित्तिय स्वीकृति जारी होने के बाद भी दिव्यांगों को इस घोषणा के धरातल पर आने का इंतजार है। दिव्यांग संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि प्रदेश के लगभग आठ लाख दिव्यांग ही सामाजिक सुरक्षा योजना फायदा ले रहे हैं। यदि विभाग की ओर से बजट घोषणा को धरातल पर लाया जाता है तो 30 लाख दिव्यांगों को राहत मिल सकती है।

इन योजनाओं का मिलना है फायदा
सरकार के इस योजना के धरातल पर लाने से दिव्यांगों को 12 से अधिक योजनाओं का सीधे तौर पर फायदा मिलेगा। एक्सपर्ट ने बताया कि दिव्यांगों को खाद्य सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना, आवास, घरेलू बिजली कनेक्शन सहित अन्य योजनाओं का फायदा मिल सकेगा। फिलहाल इनमें से कई योजनाओं के लिए दिव्यांगों को अप्रात्र घोषित कर दिया जाता है।
यहां इतने दिव्यांग
अजमेर: 33318
अलवर: 36277
बांसवाड़ा: 21269
बारां: 16551
बाड़मेर: 25994
भरतपुर: 27973
भीलवाड़ा: 30663
बीकानेर: 19799
बूंदी: 14541
चित्तौडगढ़़: 25265
चूरू: 20167
दौसा: 28467
धौलपुर: 13694
डूंगरपुर:13709
श्रीेगंगानगर: 23947
हनुमानगढ़: 16906
जयपुर: 46441
जैसलमेर: 5307
जालौर: 21550
झालावाड़: 24853
झुंझुनूं:23540
जोधपुर: 35141
करौली: 21354
कोटा: 17018
नागौर: 47162
पाली: 26271
प्रतापगढ़: 12306
राजसमंद: 18945
सवाईमाधोपुर: 12473
सीकर: 20997
सिरोही: 14497
टोंक: 17146
उदयपुर: 30747

एक्सपर्ट व्यू…
सरकार की पहल सराहनीय थी, लेकिन कमजोर मॉनिटङ्क्षरग की वजह से दिव्यांगों को फायदा मिलना शुरू नहीं हुआ है। सरकार को इस मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। जब सरकार दिव्यांगों के मुद्दो ंपर ही संवेदनशील नहीं है तो फिर अन्य बजट घोषणाओं का क्या हश्र होगा।
– धर्मेन्द्र शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता, सीकर
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो