शिक्षा क्षेत्र में विस्तार के बाद बढ़ती दाखिले की दौड़ में यहां के पुलिस और प्रशासन ने छात्रावासों में रहने वाले लोगों के चरित्र सत्यापन को लेकर कई बार दावे किए। निजी शिक्षण संस्थान व कोचिंग संचालकों की बैठकें बुलाकर दिशा-निर्देश भी जारी किए गए। लेकिन यह प्रयास अभी तक कागजों में ही रहे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लोगों ने घरों में छात्रावास बना रखे हैं। इनके मालिक और संचालक सत्यापन के लिए गंभीर नहीं है। संबंधित थाने के पास संख्या के हिसाब से नफरी की कमी है। ऐसे में जिला स्तर पर कार्ययोजना बनाकर इसे अभियान के रूप में शुरू किया जाए तभी पुलिस के पास रिकॉर्ड संग्रहित हो सकता है।
छात्रावास में रहने वालों के पास अपराधियों के पनाह लेने की कहानी पुलिस के पास कई बार आई, लेकिन यह कहानी मामले की जांच तक ही सिमटी रही। शहर के सोना कारोबारी से 50 लाख के सोने की लूट में सामने आया था कि हरियाणा के अपराधियों ने सीकर में जयपुर रोड पर रहने वाले छात्र के पास ही ना केवल पनाह ली थी, बल्कि उसे लालच देकर वारदात के लिए भी तैयार किया था। वारदात को अंजाम देने के बाद भी लुटेरे छात्र के पास ही गए थे। इसके अलावा भी कई मामलों में पुलिस की जांच में सामने आ चुका है कि अपराधियों ने छात्रावासों में रहने वाले छात्रों के पास पनाह ली है।
सीकर की अर्थव्यवस्था की धुरी शिक्षण संस्थाएं ही है। कोरोना के बाद शैक्षिक सत्र के पटरी पर आने से शहरवासियों में भी काफी उत्साह है। इसकी वजह यह है कि सीकर कॅरियर के साथ केयर सिटी भी बन रहा है। यहां की शिक्षण संस्थाओं के साथ शहर का माहौल काफी अलग है, लेकिन इस अर्थव्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी सभी की है।
इंजीनियरिंग व मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं के परिणाम के मामले में सीकर ने पिछले सालों में देशभर में पहचान बनाई है। एक्ससपर्ट का कहना है कि इस वजह से पिछले 15 सालों में सबसे ज्यादा विद्यार्थी यहां पढ़ाई के लिए आने लगे हंै। इंजीनियरिंग के साथ मेडिकल क्षेत्र में कॅरियर बनाने वाले युवाओं की पहली पसंद सीकर बन रहा है। वहीं आरएएस, प्रथम श्रेणी व्याख्याता, द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती, रीट, बैकिंग, एनडीए सहित अन्य भर्तियों के बेहतरीन परिणाम की वजह से भी सीकर पूरे प्रदेशभर में चमका है। खास बात यह है कि कई राज्यों के विद्यार्थी यहां सीटेट, बैकिंग व विवि की कॉमन परीक्षा सहित अन्य भर्तियों की तैयारी के लिए भी यहां पहुंचने लगे हैं।
शेखावाटी अंचल के सीकर, झुंझुनूं और चूरू जिले का हरियाणा के अपराधियों से पुराना नाता है। गैंगवार की स्थिति देखी जाए तो यहां के अपराधियों का फरारी का अड्डा हरियाणा और पंजाब ही रहा है। वहां के अपराधी भी फारारी काटने के लिए यहां आते रहे हैं। अंचल के खाटूश्यामजी और सालासर की धर्मशालाओं में भी कई बार हरियाणा के अपराधी गिरोह ने पनाह ली है। कई अपराधी यहां से पकड़े भी गए हैं। ऐसे में हरियाणा की गैंगवार को यहां आश्रय मिलने की आशंका जताई जा रही है। दूसरा यहां पर नशे का कारोबार पनपने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता।