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किसान की मेहनत पर कुण्डली मार कर बैठी सरकार!

locationसीकरPublished: Jun 14, 2019 06:02:58 pm

Submitted by:

Gaurav kanthal

समर्थन मूल्य पर किसान की उपज खरीदने के बाद सरकार किसान को भुगतान करने से हिचकिचा रही है। जिले के किसानों के 13 रुपए सरकार पर बकाया हैं।

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किसान की मेहनत पर कुण्डली मार कर बैठी सरकार!

सीकर.

हाड़तोड़ मेहनत से तैयार उपज को समर्थन मूल्य पर बेच चुके किसान अब भुगतान के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। हाल यह है कि जिले में 2,115 किसानों को पिछले एक माह से चना व सरसों का भुगतान नहीं मिल पा रहा है। नतीजन किसानों के 13 करोड़ रुपए बकाया है। इनमे कई किसान तो ऐसे है जिन्हें सरसों व चने के भुगतान का एक रुपया भी नहीं मिला है। नतीजन खरीफ सीजन सामने है और इन किसानों को फिर साहूकार के चंगुल में फंसना पड़ रहा है। गौरतलब है कि राजफैड की ओर से अप्रेल माह से सरसों व चने की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू हुई थी। हालांकि शुरूआत में तो किसानों के खाते में भुगतान की राशि आती रही लेकिन 20 मई के बाद से किसानों के खाते में भुगतान राशि आनी बंद हो गई। ऐसे में अब किसान खरीद केंद्रों में कर्मचारियों के पास चक्कर लगा रहे हैं लेकिन महज आश्वासन ही दिया जा रहा है।


यूं पड़ रहा है असर
खरीफ की फसल में किसानों को अधिक राशि की जरूरत होती है। इस सीजन में बारानी खेतों में बुवाई होती है। जिसमें काफी रुपया खर्च होता है। इधर सहकारी समितियों का ऋण और केसीसी की लिमिट चुकाने में देरी होने पर किसान को पैनल ब्याज देना पड़ता है साथ ही समय पर नहीं चुकाने पर डिफाल्टर होने का खतरा भी रहता है। ऐसे में किसान को इस राशि के लिए साहूकार के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।


यह है कारण
समर्थन मूल्य पर सरसों व चने की खरीद के लिए कड़े नियम भी लागू है। समर्थन मूल्य पर जिंस बेचने के लिए किसानों को ई मित्र केंद्र पर जाकर टोकन कटवाने पड़े और निर्धारित तिथि पर ही उपज मंडी में लानी पड़ी। इसके अलावा एक दिन की अधिकतम खरीद सीमा भी तय थी। इसके चलते कुछ किसानों को तो अपनी पूरी फसल लाने के लिए दो-दो बार मंडी में आना पड़ा। इसके बावजूद अभी तक भुगतान नहीं मिलने से किसानों में निराशा है।


यह है जिले की हकीकत
समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए जिले में सरसों के लिए 4462 किसान और चना के लिए 2994 किसानों ने पंजीयन करवाया था। खरीद के लिए सीकर, श्रीमाधोपुर, लक्ष्मणगढ केवीएसएस, फतेहपुर, दांतारामगढ पलसाना, नीमकाथाना में सात खरीद केन्द्र बनाए गए हैं। इन केन्द्रों पर चना की 679 किसान और सरसों की 2625 किसानों से खरीद की गई है। जिसमें से चना के 414 किसानों का दो करोड 64 लाख 44 हजार और सरसों का दस करोड 35 लाख 64 हजार रुपया बकाया है।

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