scriptAlert News: प्रदेश में मौसमी बीमारियों का कहर, कोविड़ के रोजाना लेने होंगे एक हजार सैम्पल | The havoc of seasonal diseases in the state, one thousand | Patrika News

Alert News: प्रदेश में मौसमी बीमारियों का कहर, कोविड़ के रोजाना लेने होंगे एक हजार सैम्पल

locationसीकरPublished: Aug 04, 2022 12:17:28 pm

Submitted by:

Puran

प्रदेश में मौसमी बीमारियों को रोकने के दावे फेल साबित हो रहे हैं। मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए की जाने वाली गतिविधियां सिर्फ कागजों तक सिमट कर रह गई है। अभी तो बारिश का दौर शुरू हुआ है और डेंगू और कोरोना लाइक इलनेस के मरीज अस्पतालों में आने लगे हैं। मौसमी बीमारियों को देखते हुए प्रदेश स्तरीय अलर्ट जारी किया गया है।

Alert News: प्रदेश में मौसमी बीमारियों का कहर, कोविड़ के रोजाना लेने होंगे एक हजार सैम्पल

Alert News: प्रदेश में मौसमी बीमारियों का कहर, कोविड़ के रोजाना लेने होंगे एक हजार सैम्पल


प्रदेश में मौसमी बीमारियों को रोकने के दावे फेल साबित हो रहे हैं। मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए की जाने वाली गतिविधियां सिर्फ कागजों तक सिमट कर रह गई है। अभी तो बारिश का दौर शुरू हुआ है और डेंगू और कोरोना लाइक इलनेस के मरीज अस्पतालों में आने लगे हैं। मौसमी बीमारियों को देखते हुए प्रदेश स्तरीय अलर्ट जारी किया गया है। पिछले एक पखवाड़े में रोजाना कोविड के नए मरीज सामने आ रहे है लेकिन सीकर जिले में कोविड के औसतन डेढ़ दर्जन सेम्पल ही लिए जा रहे हैं। चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने मौसमी बीमारियों के मरीजों को देखते हुए आशा, एएनएम एवं अन्य फील्ड स्टॉफ घर-घर जाकर सैंपलिंग करने और रोजाना एक हजार कोविड सेम्पलिंग के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि पिछले कुछ समय से मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या की सही सूचना नहीं देने पर उन्होने किसी भी पॉजिटिव की रिपोर्ट को छुपाने पर कार्रवाई की जाएगी।
सीकर में डेंगू के 28 मरीज मिले

सीकर जिले में जनवरी से अब तक डेंगू के 28 मरीज आ चुके हैं। डेंगू व मलेरिया के कार्ड टेस्ट की रिपोर्ट को नहीं मानने के कारण मरीजों की सटीक संख्या के बारे में पता नहीं चल रहा है। बारिश के बाद संक्रामक मौसमी बीमारियों की संख्या बढ़ती जा रही है। जुलाई व अगस्त में डेंगू-मलेरिया व टायफाइड जैसे घातक रोगों का प्रकोप सबसे अधिक होता है। डेंगू का मच्छर साफ पानी में पनता है। बारिश के कारण अधिकांश घरों में कूलर बंद हो गए हैं और इन कूलर में पानी भरा हुआ है। चिकित्सा विभाग की ओर से किसी प्रकार का सर्वे तक नहीं किया गया। इस कारण चिकित्सक जिला लैब में डेंगू व मलेरिया की जांच करवा रहे हैं। कल्याण अस्पताल के मेडिसिन वार्ड में 30 से 40 प्रतिशत तक मरीज मौसमी बीमारियों के हैं।
महकमा बेबस इंतजाम नाकाफी

बारिश के सीजन में जलभराव के स्थानों पर मच्छर रोधी गतिविधियों में देरी की वजह से जलभराव वाले स्थानों पर मच्छर पनप गए हैं। विभाग के 39 फोगिंग मशीन है लेकिन इनमें से एक दर्जन से ज्यादा मशीने खराब रहती है। वहीं शहरी निकायों को मच्छरों के ज्यादा घनत्व वाले स्थानों पर एमएलओ छिड़काव के बारे में सूचित तक नहीं किया जा रहा है। जिससे मच्छरों के नियंत्रण पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
इन लक्षणों के मरीज ज्यादा

डेंगू भी एडिज मच्छर के काटने से ही फैलता है, लेकिन डेंगू फैलाने वाले मच्छर साफ पानी में पनपते हैं, एडिज मच्छर के काटने से फैलने वाले इस रोग का प्रभाव मरीज के पूरे शरीर और जोड़ों में तेज दर्द के रूप में होता है। डायरिया सबसे आम समस्या है, जो जीवाणुओं के संक्रमण के कारण होता है। इसमें पेट में मरोड़ होने के साथ ही दस्त लगना प्रमुख हैं। स्क्रब टाइफस खरपतवार में पैदा होने वाली परजीवी के कारण होता है। चिकनगुनिया भी मच्छरों से फैलने वाला बुखार है, जिसका संक्रमण मरीज के शरीर के जोड़ों पर भी होता है और जोड़ों में तेज दर्द होता है
28 मरीज मिले

सीकर जिले में इस साल अब तक डेंगू के 28 मरीज मिल चुके हैं। संक्रामक बीमारियां को देखते हुए जलभराव वाले स्थानों पर निकासी करवाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा जहां निकासी नहीं हो रही है वहां एमएलओ का छिड़काव किया जा रहा है।
डॉ. सीपी ओला, डिप्टी सीएमएचओ सीकर
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