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मजदूर बोले, कोरोना से पहले भूख मार देगी

locationसीकरPublished: Mar 30, 2020 06:21:29 pm

Submitted by:

Suresh

कोरोना वायरस : बिना तैयारी के लॉकडाउन के नतीजे सामने, रुक नहीं रहा मजदूरों का पलायन रींगस से रायबरेली के लिए पलायन

मजदूर बोले, कोरोना से पहले भूख मार देगी

मजदूर बोले, कोरोना से पहले भूख मार देगी

शिश्यंू. प्रदेश में लॉकडाउन के बाद के बाद भले ही सबकुछ थमने का दावा किया जा रहा हो, लेकिन सडक़ों पर हजारों आंखें राहत का इंतजार कर रही है। सिर पर बैग, कंधों पर छोटे बच्चों को रखकर पैदल ही घरों की तरफ बढ़ रहे हैं। सडक़ों पर वाहन बंद होने से उनके खाने-पीने की व्यवस्था तो भगवान भरोसे हैं। उनकी जांच की भी कोई व्यवस्था नजर नहीं आई। यह दृश्य सीकर से रानोली १४ किलोमीटर के सफ र में रविवार को नजर आया। किसी की मंजिल यूपी तो किसी की महाराष्ट्र है।
पत्रिका को ज्यादातर मजदूरों ने बताया कि काम नहीं मिल रहा, रोटी नहीं मिली तो कोरोना से पहले भूख मार देगी। हमारे घर जाने के लिए पैदल चलेंगे तो कही ना कही रास्ते में खाना जरूर मिलेगा। किसी को तो हमारे ऊपर तरस आएगी। वृद्ध रामलाल झालावाड़ गांव इकलेरा ने बताया कि इनके साथ में महिला और पुरूष ६० लोग १५ दिन पहले सेवद में लावणी करने के लिए आए थे। वही एमपी के जोगीपुरा से करीब ८५ महिला पुरूष तथा उनके साथ में १७ दूध पीते बच्चे २ महीने पहले सीकर में मजदूरी करने के लिए आए थे। इन सभी को खाना नहीं मिलने के कारण यह सभी लोग सेवद और सीकर से पैदल ही रवाना हो गए।
जो रविवार को रानोली स्टैंड पहँुचे सभी को रानोली थाना अधिकारी राजेश कुमार डूडी एवं डॉक्टर कमलेश कुमार बेनीवाल, सरपंच ऊंकारमल सैनी, पत्रिका संवाददाता, मुगाराम सेठी ने रानोली स्टैंड पर रोक कर सभी को खाना खिलाया और थाना अधिकारी ने कहा कि सभी मजदूर भाई १ मीटर की दूरी बनाकर रहे। जब तक यह समस्या है आपकों भूखा रहना नहीं दिया जाएगा।
चला. रींगस धागा फै कट्री में लॉकडाउन में फं से २१ मजदूर रविवार को कज्ञबे में पहुंचे जहां उन्होनें ने समाजसेवी हरफू लसिंह काजला को आपबीती बताई। पैदल पहुंच मजदूरों ने यहां खाना खाया तथा कुछ समय बिताकर उत्तर प्रदेश के राज्य के जिला रायबरेली के लिए रवाना हो गए। उन्होंने बताया कि यहां से उनका गांव ५०० किमी है। इसी तरह दिल्ली से चलकर लोसल निवासी रेडीमेड फै क्ट्री में काम करने वाले पांच मजदूर यहां पहुंचे जहां उन्होंने अपनी आपबीती बताई कि दिल्ली व हरियाणा से होकर पैदल आए हैं।
उन्हें खाना खिलाया और रास्ता भी दिखाया। नीमकाथाना पहुंचने के बाद कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि नीमकाथाना पुलिस से डरते डरते यहां तक पहुंचे हंै। दिल्ली से हमारा गांव लोसल ३६० किमी है कोई भी साधन नहीं मिलने के कारण पैदल ही जाएंगे।
गुढा से अपने गांव मध्यप्रदेश जा रहे एक दर्जन परिवार देर रात घसीपुरा पहुंचे जहां उन्होंने शिव मंदिर में रात रुकना चाह लेकिन ग्रामीणों के विरोध के कारण वे चले गए। मगर कुछ दूर चलने के बाद गुहाला निवासी समाजसेवी मोहम्मद इसाक ने लोगों से आपबीती पूछी। इसाक ने तुरंत थोई थानाधिकारी संगीता मीणा को फ ोन किया। इसके बाद मजदूर परिवार के लिए राज्य सरकार के आदेशानुसार बस की व्यवस्था करवाकर उनको जयपुर के लिए रवाना किया। ग्रामीणों ने थोई थानाधिकारी संगीता मीणा का धन्यवाद दिया।

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