जानकारी के अनुसार किशनपुरा गांव में रामकरण पूनियां का मकान है। रामकरण किसी रिश्तेदार के घर सांवलोदा में जागरण में गया हुआ था। रामकरण की पत्नी संतोष व उसकी पोती बाहर की साइड बने कमरे में कूलर चला कर सो रहे थे। रामकरण का छोटा बेटा रात को करीब ग्यारह बजे घर आकर सोया था।
सुबह करीब साढ़े चार बजे रामकरण की पत्नी उठी तो वारदात का पता लगा। रात ग्यारह बजे से सुबह करीब चार बजे के बीच चोरों ने कमरे का ताला काटकर कमरें में रखी अलमारी व बक्से का ताला तोड़ डाला। यहां बक्से में रामकरण की पत्नी व पुत्रवधु का करीब 31 तोला सोना के जेवरात रखे थे। उसी जगह रामकरण के पांच तोला सोने के जेवरात रखे थे।
बक्से में करीब एक किलो चांदी के जेवरात भी थे। चोर यहां से ने 36 तोला सोना, एक किलो चांदी व करीब 3500 रुपए, आधार कार्ड, राशन कार्ड सहित कई महत्वपूर्ण कागजात चुरा कर ले गए। सुबह संतोष देवी चाय बनाने के लिए अंदर गई तो कमरा खुला देखकर होश उड़ गए। शोर करने पर बेटा उठकर आया। लेकिन चोरों का कोई सुराग नहीं लगा। रामकरण ने सदर थाने में चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिले में दो माह में तीसरी वारदात होने के बाद एक भी आरोपी पुलिस नहीं पकड़ सकी है।
बीते दो माह में तीन बड़ी चोरी की वारदात हो चुकी है। करीब डेढ़ माह पहले दीनवा लाडखानी व अलफसर गांव में चोरी की बड़ी वारदातें हुई थी। दोनों जगहों से चोरों ने लाखों रुपए के माल पर हाथ साफ कर दिया था। डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी पुलिस एक भी आरोपी को नहीं पकड़ पाई। इसी दरम्यिान किशनपुरा गांव में भी चोरी की वारदात हो गई। चोर पुलिस के लिए सरदर्द बने हुए है।
गश्त व मुखबिरी पर सवाल
लगातार बढ़ रही चोरी की वारदात से पुलिस की गश्त व मुखबिरी पर भी सवाल उठने लग गए है। दो माह में तीन जगह लाखों की चोरी हो गई। खास बात यह है कि पुलिस एक भी मामले का खुलासा नहीं कर पाई है।