दांतारामगढ़. कस्बे के पास दौलपुरा गांव की पहाड़ी पर स्थित बेल्याला वाले बालाजी के करीब एक माह पहले किसी चांदी के छत्र चोरी हो गए थे। इसकी रिपोर्ट थाने में दर्ज करवाई गई थी। शुक्रवार सुबह जब पुजारी मंदिर में गया तो मंदिर के सामने एक थैला पड़ा मिला। इसमें मंदिर से चुराए गए चांदी के छत्र सहित अन्य सामान भी रखा था। पुजारी ने ग्रामीणों को इसकी सूचना दी और ग्रामीणों ने पुलिस को मौके पर बुलवाया।
थैले को खोलकर देखा तो मंदिर से चोरी गए चांदी के 39 छत्र के अलावा 5 किलो देसी घी, 551 रुपए और करीब 15- 20 अगरबत्ती के पैकेट भी मिले। ग्रामीणों ने बताया कि बालाजी के मंदिर से 2 जून को चांदी के छत्र चोरी हुए थे। करीब 25 चांदी के छात्रों की चोरी की रिपोर्ट थाने में दर्ज करवाई थी लेकिन थैले में वापस 39 छत्र मिले हैं। पुलिस ने चांदी के छत्र बरामद कर लिए हैं। पुजारी नंदलाल स्वामी ने बताया कि यह बालाजी महाराज का चमत्कार ही है की चोरी के छत्र जहां वापस मिल गए।
दो वर्ष बाद लौटाई मंदिर की अमानत
काछवा (सीकर). समीप के गांव तूनवा के जोहड़ी में बने रामदेव जी के मंदिर से दो वर्ष पहले चुराए गए आधा दर्जन चांदी के छत्र को चोर वापस मंदिर में छोड़ गए। जानकारी के अनुसार गुरुवार शाम को गाँव का एक युवक भागूराम गोस्वामी मंदिर गया था जो मंदिर में दर्शन के बाद पुजारी रामनिवास शर्मा के पास बैठकर बातें कर रहा था कि अचानक मंदिर के पास बने चबूतरे पर कपड़े में कुछ बंधा हुआ सा नजर आया, जिसको दोनों ने खोलकर देखा तो कपड़े में चाँदी के छत्र तोड़ मरोडकऱ रखे मिले।
ग्रामीण चन्द्र सिंह फौजी ने बताया कि चोर ने मंदिर से चोरी तो कर ली, लेकिन उसे निश्चित ही कोई भय सता रहा था जिसके कारण वह उनको बेच नहीं सका और मौका पाकर मन्दिर में पटक गया, इससे भगवान के प्रति लोगों की आस्था को भी बल मिलेगा।