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…तो क्यों नहीं होंगे थोक में कोरोना संक्रमित! पढि़ए यह रिपोर्ट

locationसीकरPublished: Apr 15, 2021 06:07:07 pm

Submitted by:

Gaurav

… then why won’t the corona be infected in bulk Read this report
गत वर्ष कोरोना संक्रमित मिलने पर जहां उसको ट्रेस कर उस पर नजर रखी जाती थी, कॉंटेक्ट ट्रेसिंग की जाती थी…वह अब दिखाई नहीं पड़ रही है। संक्रमित खुले में घूम रहे हैं और कोरोना बांट रहे हैं। प्रशासन और चिकित्सा विभाग की ओर से इसके लिए कोई भी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।

 56 corona positive found in Jaipur district

56 corona positive found in Jaipur district

… then why won’t the corona be infected in bulk Read this report
-पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद बेरोकटोक घूम रहे संक्रमित
-इंफेक्टेड पर्सन व कॉंटेक्ट ट्रेसिंग नदारद
-प्रशासन व चिकित्सा महकमे को नहीं चिंता
सीकर. कोरोना की दूसरी लहर(corona second wave) खतरनाक हो रही है…और हो भी क्यों नहीं…। गत वर्ष कोरोना संक्रमित(corona infection) मिलने पर जहां उसको ट्रेस कर उस पर नजर रखी जाती थी, कॉंटेक्ट ट्रेसिंग की जाती थी…वह अब दिखाई नहीं पड़ती है। संक्रमित खुले में घूम रहे हैं और कोरोना बांट रहे हैं। प्रशासन और चिकित्सा विभाग की ओर से इसके लिए कोई भी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।

आप पॉजिटिव हैं…और इतिश्री
कोरोना संक्रमण के मरीजों को सलाह देने के लिए हर जिले में वार रूम बने हुए हैं लेकिन वहां से न तो मरीज की ट्रेसिंग हो रही है और न ही इलाज के लिए सलाह दी जा रही है। वार रूम से केवल पॉजिटिव को एक फोन करके सूचना देते है और इतिश्री।

…और बढ़ जाता है वायरल लोड
प्रशासन और चिकित्सा विभाग की ओर से किसी भी तरह की सुध नहीं लेेने के कारण संक्रमित(corona positive) बेरोकटोक बाहर घूमता रहता है और संक्रमण के बाद दवाएं और एहतियात बरतने को लेकर किसी प्रकार के निर्देश नहीं देने से संक्रमित में वायरल लोड बढ़ जाता है और कई बार स्थिति गंभीर हो जाती है।

खुद भर्ती हो रहे संक्रमित
यही नहीं सांवली कोविड सेंटर(covid care center) में भर्ती होने वाले अधिकांश मरीज खुद आकर भर्ती हो रहे हैं। जबकि संक्रमित की स्थिति गंभीर होने पर संबंधित को भर्ती कराना प्रशासन के अधीन होता है। कोरोना के मरीजों का उपचार करने वाले चिकित्सकों ने बताया कि संक्रमितों की सिटी स्कैन करवाने के बाद पता चल रहा है कि कई मरीजों के फेफड़ों की ऊपरी झिल्ली पूरी तरह सूख चुकी है। ऐसे मरीजों को ठीक होने में समय लगता है। इस कारण मरीजों का रिकवरी रेट भी गिर रहा है। निजी अस्पतालों में चेस्ट फिजिशियन के पास कोविड फाइब्रोसिस के औसतन तीन से पांच मरीज पहुंच रहे हैं।

एक ही इलाज…रैफर!
कोरोना वायरस के बदले स्वरूप के बावजूद कम सैम्पल होने के बावजूद पॉजिटिव का आंकडा बढ़ा है। अभी भी इफेक्टिव सैम्पलिंग होने के कारण सटीक स्थिति का पता नहीं लग रहा है। अस्पतालों में भर्ती सिम्पटोमेटिक दो मरीजों को औसतन रोजाना औसतन जयपुर रैफर करना पड़ रहा है।

जबकि विभाग बता रहा खुद को मुस्तैद
इधर, पीएमओ डा. अशोक चौधरी ने बताया कि पिछले साल की व्यवस्थाओं को देखते हुए इस बार सांवली कोविड अस्पताल (sanwali covid hospital) की व्यवस्थाओं की रोजाना समीक्षा की जाएगी। नर्सिंग स्टाफ रोजाना कोविड उपचार के दौरान संसाधनों की कमी की रिपोर्ट करेगा। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सांवली कोविड सेंटर में सभी वार्डों के बाद बुधवार से आईसीयू को शुरू कर दिया गया है। कोविड अस्पताल में अब दो की बजाए तीन चिकित्सक जिनमें एक एनेस्थेटिक, एक फिजिशियन और एक अन्य चिकित्सक की ड्यूटी तीन शिफ्टो में रहेगी। इसके अलावा अतिरिक्त नर्सिंग स्टाफ भी लगाया गया है।
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