मंदिर कमेटी पर ये उठाए सवाल
जांच रिपोर्ट में मंदिर ट्रस्ट द्वारा संपति खरीदने में बड़ी मात्रा में काले धन का इस्तेमाल किये जाने का अंदेशा जताया गया है। इसके अलावा मंदिर की कृषि भूमि को निजी खातेदारी के नाम दर्ज करवाने पर ट्रस्ट द्वारा प्रभावी कार्रवाई नहीं करने, मंदिर विकास के लिए 2003 में 7.20 करोड़ रुपए के कूपन छपवाकर देव स्थान विभाग को उसका हिसाब नहीं देने, मंदिर को दान में मिले सोने-चांदी की चीजों को विवरण तैयार नहीं करने, मंदिर निर्माण की योजना लागू करने से पहले ही ट्रस्ट द्वारा ध्वस्त निर्माण की जगह अस्थाई निर्माण कर अनावश्यक राशि खर्च करने तथा बिना अनुमति दान देने का आरोप भी मंदिर कमेटी पर लगा है।
मंदिर बोर्ड बनाने की सिफारिश
देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त (द्वितीय) महेंद्रकुमार देवतवाल ने जांच रिपोर्ट में खाटूश्यामजी मंदिर में भी टेंपल बोर्ड बनाने की सिफारिश की है। उन्होंने रिपोर्ट में लिखा है कि मंदिर कमेटी की अनियमितता से मंदिर की पूरी आय प्रभावित होती है। वहां सरकारी प्रतिनिधि उपस्थित रहे तो आय दो गुना हो सकती है। न्यास द्वारा धन के दुरुपयोग से इनकार नहीं किया जा सकता है। लिखा है कि श्रद्धालुओं को खाटूश्यामजी के आसान दर्शन हो तथा उनकी सुरक्षा हो सके इसके लिए खाटूश्यामजी के मंदिर का विकास करवाया जाना जरूरी है। ऐसे में नाथद्वारा मंदिर या सावलिया जी मंदिर मंडल की तरह खाटूश्यामजी में भी बोर्ड का गठन कर मंदिर का संचालन किया जाना सही होगा।