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एक था पेड़

locationसीकरPublished: Oct 23, 2019 05:47:55 pm

Submitted by:

Bhagwan

किसी शायर ने कहा-रहने दो घर के आंगन में शजर, बूढ़ा ही सही छांव तो देगा…लेकिन हम निर्लज्य लोगों ने शहर के शैशवकाल के साक्षी रहे 110 बरस पुराने पेड़ की जड़ों को खोखला कर दिया। नतीजा बरसों पुराना यह शजर मंगलवार शाम अचानक धराशायी हो गया। स्टेशन रोड पर करीब ११० वर्ष पुराना सिरस के इस पेड़ से माहौल छायादार और हराभरा रहता था।

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सीकर. किसी शायर ने कहा-रहने दो घर के आंगन में शजर, बूढ़ा ही सही छांव तो देगा…लेकिन हम निर्लज्य लोगों ने शहर के शैशवकाल के साक्षी रहे 110 बरस पुराने पेड़ की जड़ों को खोखला कर दिया। नतीजा बरसों पुराना यह शजर मंगलवार शाम अचानक धराशायी हो गया। स्टेशन रोड पर करीब ११० वर्ष पुराना सिरस के इस पेड़ से माहौल छायादार और हराभरा रहता था। फागलवा पेट्रोल पंप के पास यह पेड़ सीकर शहर के विस्तार का अंतिम साक्षी था। इतिहासकार महावीर पुरोहित ने बताया कि राजा माधोसिंह ने शहर के विस्तार के लिए रेलवे स्टेशन बनने से पहले सडक़ के दोनों तरफ पेड़ लगाए थे। उस दौरान लगाए गए पेड़ों में से महज यह एक ही पेड़ खड़ा था। वह भी आज धराशायी हो गया। पेड़ गिरने के दौरान कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। एक ऑटो चपेट में आ गया। वहीं शकील गौरी के मकान का टिनशैड क्षतिग्रस्त हो गया। पेड़ गिरने की सूचना पर विधायक राजेन्द्र पारीक भी मौके पर पहुंचे। बाद में दो जेसीबी की सहायता से सडक़ पर फैली पेड़ की टहनियों को हटवाकर रास्ता खुलवाया गया।
नगर परिषद की रही लापरवाही

शहर की व्यस्त सडक़ पर भारी भरकम पेड़ गिरने के दौरान बड़ा हादसा नहीं होने के पीछे जनता की जागरूकता रही। लेकिन इस मामले में परिषद की लापरवाही भी सामने आई है। पड़ौस में रहने वाले परिवार के लोगों ने पांच दिन पहले वार्ड पार्षद को इसकी सूचना दी थी। इसके बाद लगातार इस पर फॉलोअप किया गया, लेकिन परिषद अधिकरियों ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया।
दिन में आ रही थी आवाज

पेड़ में दिन में आवाज आ रही थी। शाम को आवाज तेज होने पर वहां खड़ी रहने वाली गाडि़यों को हटवा दिया गया। साथ ही कुछ देर के लिए यातायात भी रोक दिया गया था। एक ऑटो के चालक ने ऑटो निकालने का प्रयास किया। इससे ऑटो क्षतिग्रस्त हो गया।
फतेहपुर में न्यूनतम पारा १२.२ डिग्री

सीकर. शेखावाटी में सर्दी का असर दिखने लगा है। इससे पिछले एक सप्ताह में न्यूनतम करीब पारा पांच डिग्री तक गिर गया है। इससे लोगों को अब दिन ढ़लते ही हल्की सर्दी का अहसास होने लगा है। दिन व रात के तापमान में अंतर कम होने से दिन में सर्दी का असर बढ़ गया है। सुबह के समय हवा में नमी ८८ फीसदी व दोपहर में ६० फीसदी तक पहुंच गई है। अंतर कम होने से अगेती फसलों को फायदा होगा। वहीं कीट व मच्छरों का प्रकोप भी कम हो जाएगा। साथ ही अगले एक पखवाडे में गेहूं की बुवाई हो सकेगी। फतेहपुर कृषि अनुसंधान केन्द्र पर मंगलवार को न्यूनतम तापमान १२.२ व अधिकतम तापमान ३३ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
अब बढ़ेगी सर्दी

मौसम विज्ञानी ओमप्रकाश कालश ने बताया कि अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से तापमान में गिरावट शुरू हो गई है। सूर्यास्त से सूर्योदय के बीच की अवधि में नमी की मात्रा बढ़ती जा रही है। एेसे में अगले पखवाडे तक धुंध व बारिश के आसार नजर आने लगेगा। खेतों में नमी बढऩे के कारण किसान अब बुवाई करने में जुटे हुए हैं। बुवाई के लिए किसानो ने खेतों में पळाव करना शुरू कर दिया है।
पंखे कूलर की रफ्तार हुई धीमी

सर्दी की दस्तक के साथ हीं कूलर-पंखों की रफ्तार धीमी हो गई है। अधिकतर कार्यालयों और घरों में एयरकंडीशनरों को बंद कर दिया गया है। वहीं बाजारों में सर्दी को लेकर गर्म वस्त्रों की बिक्री भी शुरू हो गई है।
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