नए आदेश से वाहन फाइनेंस के क्षेत्र में काम करने वाली कई फर्जी कम्पनियों पर लगा लग सकेगी। अब तक बैंक में खाता खुलवाकर प्रमाण पत्र पेश करने पर ही परिवहन विभाग मान्यता देता था। इसके चलते वाहन फाइनेंस में मनमानी चलती थी। वे ग्राहकों से मनमर्जी से ब्याज वसूलती थी। पैसे नहीं लौटाने पर वाहन स्वामी से अभद्रता की शिकायतें आती थी। यहां तक की मारपीट और अपहरण तक के मामले सामने आने लगे थे। इस कारण परिवहन विभाग ने नई व्यवस्था शुरू की है।
यह होगा असर
आरबीआई से एनओसी लेने के बाद वाहन फाइनेंस कम्पनियों को नियमों की पालना करनी होगी। वे मनमानी ब्याज दर नहीं वसूल सकेंगे। साथ ही, आरबीआई के समय-समय पर जारी निर्देशो की भी पालना करनी होगी। परिवहन विभाग कार्यालय में इस समय पंजीकृत सभी कम्पनियां काम कर रही है। अब इनको भी नए आदेश के तहत एनओसी लेनी होगी।
आरबीआई से एनओसी लेने के बाद वाहन फाइनेंस कम्पनियों को नियमों की पालना करनी होगी। वे मनमानी ब्याज दर नहीं वसूल सकेंगे। साथ ही, आरबीआई के समय-समय पर जारी निर्देशो की भी पालना करनी होगी। परिवहन विभाग कार्यालय में इस समय पंजीकृत सभी कम्पनियां काम कर रही है। अब इनको भी नए आदेश के तहत एनओसी लेनी होगी।
इनका कहना है दिशा-निर्देश मिले हैं। जिनकी पालना कराई जाएगी। इससे वाहन खरीदार व फाइनेंस कम्पनियों में विवाद की स्थिति नहीं होगी।
सतीश कुमार, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, सीकर
सतीश कुमार, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, सीकर