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सात डिग्री गिरा पारा, नवंबर में पड़ेगी तेज सर्दी

locationसीकरPublished: Oct 14, 2021 10:16:59 am

Submitted by:

Sachin

प्रदेश में पिछले दो दिन से मौसम में आए बदलाव के कारण शेखावाटी की पारंपरिक सर्दी ने दस्तक दे दी है।

सात डिग्री गिरा पारा, नवंबर में पड़ेगी तेज सर्दी

सात डिग्री गिरा पारा, नवंबर में पड़ेगी तेज सर्दी

सीकर. प्रदेश में पिछले दो दिन से मौसम में आए बदलाव के कारण शेखावाटी की पारंपरिक सर्दी ने दस्तक दे दी है। रात का तापमान गिरने लगा है। इससे लोगों की दिनचर्या में व्यापक बदलाव आया है। इधर मौसम विभाग का कहना है अक्टूबर माह के दूसरे पखवाडे की शुरूआत में कई जगह बारिश के संकेत मिल रहे हैं। जिससे तापमान में ज्यादा गिरावट आएगी। सीकर मे पिछले एक सप्ताह से मध्यरात्रि बाद पंखों की गति थमने लगी है। हवा में नमी बढऩे के कारण दिन ढलने के साथ शुरू सर्दी भोर तक रहती है। इससे अधिकतम और न्यूनतम तापमान में अंतर कम होने लगा है। हवा में नमी की मात्रा ६७ फीसदी तक पहुंचने के कारण लोग सुबह व शाम गर्म कपड़ों में लिपटे नजर आने लगे हैं। सीकर में सुबह से शाम तक मौसम साफ रहा। फतेहपुर कृषि अनुसंधान केन्द्र पर न्यूनतम तापमान १५.३ डिग्री तक पहुंच गया है।

नवम्बर में पडऩे लगेगी कड़ाके की सर्दी
मानसून सीजन में हवा का रुख दक्षिणी पश्चिमी होता है। मानसून के विदा होने के बाद यह उत्तर पूर्वी व उत्तर पश्चिमी होता है। इस बदलाव को विंड पेटर्न सेट होना बताते हैं। मौसम विशेषज्ञों की माने तो पिछले कई वर्षों में शेखावाटी में नवम्बर माह में विंड पैटर्न सेट होता रहा है। जिससे सर्दी की अवधि कम होती है। लेकिन इस बार सर्दी के लिए जरूरी विंड पैटर्न के सेट होने लगा है। जिससे सर्दी की अवधि भी लम्बी रहेगी। यही कारण है कि पिछले चार साल के आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर माह की शुरूआत में न्यूनतम तापमान कम रहा है। जिससे तापमान में गिरावट जल्दी शुरू हो गई।

प्रति बीघा लागत में आएगी कमी

मानसून के देरी से जाने के कारण और तापमान में हो रही बढ़ोतरी से इस बार रबी सीजन की प्रमुख फसल सरसों की बुवाई प्रभावित होने की किसानों को चिंता सता रही है। मध्यरात्रि बाद आने वाली नमी बढऩे के कारण आने वाले दिनों में बारानी क्षेत्र में तारामीरा सहित अन्य रबी की अगेती फसलों की अच्छी बढ़वार होगी। सिंचित क्षेत्र में अगेती फसलोंं को फायदा होगा। किसान शिशुपाल सिंह ने बताया कि चार-पांच दिन तापमान गिरने का क्रम जारी रहा तो किसानों को पळाव नहीं करना पड़ेगा। इस कारण किसानों के खेतों पर बिजली की खपत कम हो जाएगी। सर्दी बढऩे से भूमि में नमी ज्यादा होगी किसान की प्रति बीघा लागत में कमी आएगी।

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