इसलिए परेशान व आक्रोशित हैं संविदाकर्मी
सीकरPublished: May 26, 2019 05:18:29 pm
ड्रेसकोड की अनिवार्यता को लेकर संविदा कार्मिकों में आक्रोश
इसलिए परेशान व आक्रोशित हैं संविदाकर्मी
सीकर. सरकारी चिकित्सा संस्थानों में सेवाएं देने वाले कार्मिकों के लिए ड्रेस कोड को अनिवार्य रूप से लागू करने का दावा करे लेकिन हकीकत यह है जिले के सबसे बड़े कल्याण अस्पताल और जनाना अस्पताल में संविदा पर लगे कार्मिको को एनजीओ की ओर से यूनिफार्म तक उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। रही सही कसर एनजीओ की ओर से इन कार्मिकों को दो से तीन माह बाद भी भुगतान नहीं करना है। ऐसे में दोनों अस्पतालों के संविदा कार्मिक संयुक्त संविदा कर्मचारी संघ के बैनर तले एकत्र हुए और समस्या को लेकर पीएमओ से वार्ता की। पीएमओ ने एनजीओ से यूनिफार्म उपलब्ध कराने को कहा तो एनजीओ ने सिरे से नकार दिया। इसको लेकर आक्रोशित कर्मचारियों ने सोमवार से कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी।
110 कर्मचारी हो रहे प्रभावित
कल्याण अस्पताल और जनाना अस्पताल में कम्पयूटर ऑपरेटर, ट्रॉलीमेन, हेल्पर, सुरक्षा गार्ड और इलेक्ट्रीशियन सहित अन्य कई काम में कर्मचारियों को संविदा पर लिया गया है। जिलाध्यक्ष लालचंद भडिया ने बताया कि संविदा कर्मचारियों को हर माह औसतन चार हजार रुपए हर माह का वेतन दिया जाता है। जबकि श्रम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि संविदा पर लगे कर्मचारी को एनजीओ या संस्थान की ओर से यूनिफार्म दी जाती है। इसके अलावा इतने कम वेतन में इन कर्मचारियों के सामने नई यूनिफार्म सिलवाना मुश्किल हो गया है।