scriptअफीफ की खेती को लेकर हुआ ये बड़ा खुलासा | This big disclosure about the cultivation of Afif | Patrika News

अफीफ की खेती को लेकर हुआ ये बड़ा खुलासा

locationसीकरPublished: Apr 03, 2019 06:22:05 pm

Submitted by:

Vinod Chauhan

नारकोटिक्स विभाग का दावा, पौधों के डोडों पर चीरा लगाकर निकाली गई अफीम

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अफीफ की खेती को लेकर हुआ ये बड़ा खुलासा

सीकर/नेछवा. तिड़ोकी छोटी में की जा रही अफीम की अवैध खेती में बड़ा खुलासा हुआ है। नारकोटिक्स विभाग का मानना है कि पक्की फसल के कुछ पौधों के डोडों पर चीरा था। इनमें से अफीम निकाल कर आरोपी ने कहीं खपा दी या किसी को बेच दी है। इधर, खेती करने वाला आरोपी का दूसरे दिन भी सुराग नहीं लगा। नेछवा थाना पुलिस ने अफीम की खेती के पौधे लगी तस्वीरें राजस्थान पत्रिका को भिजवाई थी। यह तस्वीरें नारकोटिक्स विभाग जोधपुर की टीम को दिखाने पर पता लगा कि कुछ पौधों से अफीम निकाली हुई है। जबकि पुलिस के गले ये बात नहीं उतर रही है कि आरोपी भागीरथमल ने अकेले इतने बड़े स्तर पर अफीम की खेती कर रखी थी। ऐसे में अफीम के कारोबार से किसी गिरोह के जुड़े होने की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल पुलिस आरोपी भागीरथमल के संपर्क में रहने वालों से पूछताछ कर रही है। नेछवा थानाधिकारी राजेश कुमार का कहना है कि आरोपी के परिजन मुंह नहीं खोल रहे हैं। आरोपी किसी दूसरे का ट्रक चलाता था। जिसकी मुखबरी करवाई जा रही है। गौरतलब है कि तिड़ोकी छोटी गांव में नेछवा थाना पुलिस ने दबिश देकर भागीरथमल के सवा बीघा खेत में तैयार खड़ी लाखों रुपए की अफीम की खेती पकड़ी थी। खेत से बरामद 1278 किलो अफीम के पौधों को सीज कर थाने में रखवा दिया गया था।
नया खिलाड़ी
अफीम की खेती पकने पर इसके डोडे के चीरा लगाकर उससे अफीम निकाली जाती है। हालांकि डोडे से अफीम एक दिन में नहीं निकलती है। चीरा लगाकर छोडऩे के बाद हर दिन डोडे से अफीम के तौर पर दूध जैसा तरल पदार्थ सींचना पड़ता है। हालांकि अफीम की बुआई के हिसाब से आरोपी को इसकी सही बुआई के बारे में कम जानकारी थी।
यह है गणित
प्रति एकड़ पोस्ते की खेती से करीब 40 किलो अफीम का उत्पादन होता है। स्थानीय बाजार में इसका मूल्य करीब 70-80 हजार रुपए प्रति किलो की दर से 30-35 लाख रुपए होता है। जबकि बाहर के बाजार में 40 किलो अफीम का मूल्य करीब 45 से 50 लाख रुपए हो जाते हैं। तस्कर इसकी कीमत कई बार बाहर के बाजार में मुंहमांगी भी वसूल लेते हैं।
प्रकरण के जांच अधिकारी भगवान सहाय शर्मा ने बताया कि मौका-नक्शा तैयार किया है। आबकारी विभाग को पत्र लिख कर पट्टे का रेकार्ड मांगा गया है। ताकि अफीम की जायज व नाजायज खेती का पता लगाया जा सके। मौके पर भागीरथमल के परिजनों में कोई नहीं मिला। पड़ौसी भी बयान देने से बच रहे हैं। नेछवा थाना पुलिस के बयान दर्ज किए गए हैं।

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