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बड़ा खुलासा : राजस्थान में 35 से 50 हजार में यहां मिल रही हैं फर्जी अंक तालिकाएं

locationसीकरPublished: Aug 14, 2018 02:54:44 pm

Submitted by:

vishwanath saini

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This Gang Gave Fake marksheets in Rajasthan

This Gang Gave Fake marksheets in Rajasthan

विनोद सिंह चौहान/अजय शर्मा
सीकर. राजस्थान प्रदेश में कोई भी घर बैठे ही स्नातक की फर्जी अंकतालिका बनवा सकता है। वो भी उच्च अंकों के साथ, ताकि सरकारी नौकरी में स्नातक के अंकों की गणना हो तो वह फर्जी अंकतालिका काम आ सके। फर्जी अंकतालिका बनाने वाले ऐसे ही गिरोह सामने आ रहे हैं। फिलहाल रीट के जरिए होने वाली तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में इन फर्जी अंकतालिकाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है, वह भी सैकड़ों की तादात में।

राजस्थान पत्रिका ने जब पूरे मामलों की पड़ताल की तो सामने आया कि यह गिरोह पिछले कई वर्षों की भी स्नातक की अंकतालिका 35 से लेकर 50 हजार रुपए में विभिन्न निजी विश्वविद्यालयों से खुलेआम बनवाकर दे रहे हैं। नौकरी की चाह में बेरोजगार भी इनके चंगुल में फंस रहे हैं।

 

अब रीट में इसलिए फर्जी अंकतालिकाओं का सहारा


रीट द्वितीय लेवल में 70 फीसदी अंक रीट व 30 फीसदी अंक स्नातक के आधार पर मेरिट बनेगी। इन दोनों के कुल अंकों के आधार पर रीट की चयन सूची जारी होगी। ऐसे में कई अभ्यर्थी स्नातक के 30 फीसदी में अधिक अंक हासिल करने की चाह में फर्जी अंकतालिकाओं का सहारा ले रहे हैं।


अब तक इन विवि की सामने आ चुकी है फर्जी अंकतालिका


जोधपुर के एक निजी विवि, ओपीजेएस, मेघालय के दो निजी विवि सहित अन्य विवि की फर्जी अंकतालिका विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सामने आ चुकी है। यह विवि एजेन्टों के सहारे प्रवेश लेते है। सूत्रों का दावा है कि परीक्षा के लिए कुछ विद्यार्थियों की टीम बना रखी है जो यही कॉपी भरने का काम करते है।


सीधी भर्तियों में इसलिए फर्जीवाड़ा


पिछली कांग्रेस सरकार के समय हुई पंचायत सहायक सहित अन्य भर्तियों में कक्षा बारहवीं व स्नातक के अंकों के आधार पर सीधी भर्ती हुई थी। इसके बाद जांच में लगभग दस हजार फर्जी अंकतालिकाओं की शिकायत पुलिस तक पहुंची थी। कई विवि का रिकॉर्ड भी सीज किया गया था।

शिक्षक भर्ती में भी इस्तेमाल की आशंका
शेखावाटी में 20 से अधिक कन्सलटेंसी संचालक हैं जो नई व पुरानी डिग्री घर बैठे लाने का दावा कर रहे हैं। सामने आया है कि तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में सैकड़ों फर्जी अंकतालिकाओं का इस्तेमाल हो सकता है। बड़ी बात तो यह है कि रीट प्रथम लेवल में तो खुद प्रांरभिक शिक्षा विभाग ने 29 फर्जी अंक तालिकाओं को जांच में पकड़ा था। इन पर एफआईआर भी दर्ज की गई। पिछले दिनों चूरू के एक निजी विवि में फर्जी अंकतालिकाओं का खेल भी पकड़ा गया, लेकिन सरकार रुपयों के बदले डिग्री बांटने वाली निजी विवि पर लगाम नहीं कस पा रही है।

एजेंट से बातचीत में खुलासा, पैसे दो अंकतालिका हम बनवाकर देंगे
संवाददाता: रीट के लिए बीए की अंक तालिका पुरानी तिथियों में बनवानी है, कितने पैसे लगेंगे।
एजेन्ट: बिल्कुल बन जाएगी। पुरानी तिथियों में अंकतालिका की अलग-अलग रेट है। राजस्थान के विवि से लेंगे तो 50 हजार तक अंकतालिका मिल जाएगी। दूसरे राज्यों की 30 हजार रुपए तक दिलवा देंगे। बीएससी की अंकतालिका थोड़ी महंगी बनेगी।
संवाददाता: कौनसे विश्वविद्यालयों से बनवाकर देंगे।
एजेन्ट: विवि छोडि़ए, आपको 23 अगस्त तक फोटो स्टेट और 28 अगस्त तक मूल अंकतालिका
मिल जाएगी।
संवाददाता: परीक्षा देने भी जाना पड़ेगा क्या।
एजेन्ट: परीक्षा देने जाओ तो आपकी मर्जी नहीं जाओ तो भी चलेगा। लेकिन, पूरे पैसे अभी एडवांस देने होंगे।
संवाददाता: अंकतालिका तो सही मिलेगी क्या।
एजेन्ट: हां, चाहो तो पहले वेरिफिकेशन करा लेना।

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