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निजी स्कूलों के लिए अभिभावकों के लिए है ये राहत की बात

locationसीकरPublished: Jun 04, 2019 06:29:22 pm

Submitted by:

Vinod Chauhan

अब पाठ्यक्रम निर्धारण में नहीं चलेगी स्कूल संचालकों की मनमानी

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निजी स्कूलों के लिए अभिभावकों के लिए है ये राहत की बात


रामगढ़ शेखावाटी.

स्कूलों में पाठयक्रम निर्धारण में निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर बाल संरक्षण आयोग सख्त हो गया है। अब निजी स्कूलों में सरकार के तय पाठयक्रम के अनुसार ही पुस्तकें लगानी होगी। इसको लेकर निर्देश जारी किए गए हैं।
सरकार एक ओर जहां सभी विद्यार्थियों को समान अधिकार देने की बात कर रही है, दूसरी ओर कुछ स्कूल मनमर्जी से पाठ्यक्रम संचालित करती हैं। प्रतिवर्ष सत्र शुरू होने के साथ ही निजी स्कूलों की मनमानी की शिकायतें आना शुरू हो जाती हैं। अधिकारी सब कुछ जानते-समझते अनजान बने बैठे हुए हैं। इन सबसे कोई ठगा जा रहा है तो वह है अभिभावक।
दरअसल कुछ निजी स्कूल अपनी अलग ही किताबें चलाते हैं, जिसकी वजह से विद्यार्थी और अभिभावक दोनों को परेशानी होती है। बीच सत्र में विद्यार्थी के किसी दूसरे शहर में स्थानांतरित होने पर वहां पाठयक्रम फिर से दूसरा मिलता है। प्रदेश की कई स्कूलों की बार-बार शिकायत मिलने पर राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सख्त आदेश जारी किए है।
राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने शिक्षा विभाग को निर्देशित किया है कि निजी स्कूलों की सभी कक्षाओं में राज्य सरकार, बोर्ड और स्कूल शैक्षिक प्राधिकरण द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार ही पढ़ाई करानी होगी।

प्रकाशक का पता ही गायब
बाल संरक्षण आयोग को मिली शिकायत के अनुसार, कई निजी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में तो एेसी किताबें चल रही हैं, जिनके पब्लिशर का भी पूरा पता नहीं है। पते के स्थान पर सिर्फ राज्य व जिले का ही नाम अंकित है। आए दिन अभिभावक शिकायत लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पास जाते हैं, लेकिन होता कुछ नहीं है।
इनका कहना है
कई बार अभिभावकों का रोष सामने आता है कि कुछ स्कूल अपने हित के लिए राज्य व केंद्र सरकार से अधिकृत प्रकाशन के अलावा अन्य प्रकाशनों की पुस्तके जो आमतौर पर मंहगी होती है, कोर्स में संचालित करते है। ऐसा करना नियमों के खिलाफ है।
डॉ सुरेंद्र भास्कर, सहायक निदेशक, राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग
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