एनसीडीसी के अनुसार स्वाइन फ्लू का वायरस १५ डिग्री से कम तापमान में पनप लगता है। इस साल गर्मी के मौसम में स्वाइन फ्लू का वायरस स्ट्रेन बदलने से सक्रिय रहा है। इस कारण यह अब तापमान गिरने के साथ भयावह रूप ले लेगा। यह वायरस बच्चों व कम प्रतिरोधक क्षमता वाले जैसे बुजुर्ग व गर्भवती महिलाओं को आसानी से शिकार बना लेता है। यही वजह है कि जिला लैब से रोजाना संदिग्ध स्वाइन फ्लू वायरस को जांच के लिए भेजा जा रहा है। चिकित्सालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल सर्दी की शुरूआत में सीकर में स्वाइन फ्लू के संदिग्ध ७1६ मरीज पहुंचे थे।
ये है लक्षण स्वाइन फ्लू के लक्षण यूं तो आम फ्लू की तरह ही होते है। स्वाइन फ्लू का वायरस ***** से फैलता है। इसमें पहले पीडि़त के गले में खराश होती है। फिर खांसी के बाद तेज बुखार हो जाता है। मरीज को पेट में दर्द जैसी शिकायत भी होती है. अगर समय पर इलाज न हो तो फिर मरीज की हालत धीरे-धीरे खराब होने लगती है और देर होने पर दवाओं का असर भी खत्म हो जाता है। डॉक्टरों का मानना है कि ऐसे में लोगों को ज्यादा से ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत है।
बचाव के उपाय स्वाइन फ्लू से बचने के लिए अपने आसपास गंदगी से दूर रहें। स्वाइन फ्लू से पीडि़त व्यक्ति के करीब ना जाएं। बीमारी के लक्षण सामने आने पर तुरंत डॉक्टर से अपना इलाज कराएं। स्वाइन फ्लू पर काबू पाने के लिए दवाएं मौजूद हैं और सही समय पर इसका इस्तेमाल करके इससे बचा सकता है. चिकित्सकों की माने तो कि शीतल पेय पदार्थ व आइसक्रीम जैसी ठंडी चीजों से परहेज रखना चाहिए और ऐसा खाना खाना चाहिए जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े।
प्रदेश की स्थिति वर्ष केस मृत्यु
२०११ ३६ ११
२०१२ ३४३ ६०
२०१३ ८६५ १६५
२०१४ ६४ ३४
२०१५ ६८५८ ४७२
२०१६ १९७ ४३
२०१७ ३६१९ २७९
२०१८ १९८८ २००
२०१९ ५०९१ २०८
१२ नवम्बर २०१९ तक आने लगे हैं मरीज
मौसम में उतार चढ़ाव के कारण स्वाइन फ्लू के वायरस के सक्रिय होने की आशंका प्रबल हो गई है। स्वाइन फ्लू के संदिग्ध लक्षणों वाले मरीज आ रहे हैं। समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो स्थिति भयावह हो सकती है।
डॉ. रघुनाथ चौधरी, फिजीशियन एसके अस्पताल, सीकर