scriptभूतनाथ की बारात के साक्षी बने हजारों श्रद्धालु | Thousands of devotees witness the procession of Bhootnath | Patrika News

भूतनाथ की बारात के साक्षी बने हजारों श्रद्धालु

locationसीकरPublished: Feb 22, 2020 05:21:11 pm

Submitted by:

Suresh

पत्रिका के स्वर्णिम भारत अभियान के तहत मंदिरों में प्लास्टिक मुक्त पूजन और स्वच्छता का लोगों ने लिया महासंकल्प भक्तों ने पत्रिका की पहल को सराहा

भूतनाथ की बारात के साक्षी बने हजारों श्रद्धालु

भूतनाथ की बारात के साक्षी बने हजारों श्रद्धालु

सीकर. महाशिवरात्रि पर माहौल शुक्रवार को महादेवमय रहा। श्रद्धालु भोले के भाव में डूबे रहे। ओम नम: शिवाय के मंत्र से शिव मंदिर गुंजायमान रहे। कल्याणजी के मंदिर में शिव पार्वति विवाह में तो भक्ति रस हर ओर उमड़ा- बिखरा नजर आया। भगवान शिव की बारात निकली तो फूलों की बरसात के बीच शिवमय भाव में मदमस्त बाराती नाचने- गाने में शरीर की सुध बिसराये दिखे। भूतों संग निकली भूतनाथ की बारात को देखने के लिए शहर का उत्साह भी अभूत था। बारात से लौटने पर मंदिर में शिव पार्वति की वरमाला व विवाह नेगचार में भी श्रद्धा का सैलाब उमड़ा रहा। जिलेभर में धार्मिक आयोजनों के बीच लोगों ने पत्रिका के स्वर्णिम भारत अभियान के तहत प्लास्टिक मुक्त पूजन व स्वच्छता का महासंकल्प भी लिया। नीमकाथाना/टोडा. शहर सहित उपखंड क्षेत्र में आस-पास के शिवालयों में शुक्रवार को महाशिवरात्रि पर्व पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।

समीपवर्ती बालेश्वर व टपकेश्वर धाम पर तडक़े से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटना शुरू हो गई थी। भक्तों ने भगवान आशुतोष की पूजा की। श्रद्धालुओं ने बालेश्वर व टपकेश्वर धाम पर भगवान शंकर का जलाभिषेक व दुग्धाभिषेक किया। टपकेश्वर व बालेश्वर धाम पर देर शाम तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। वहीं पर शाम को भगवान शंकर का अलौकिक शृंगार किया। बालेश्वर व टपकेश्वर धाम पर शाम को भगवान नीलकंठ की विशेष आरती की गई।
श्रीमाधोपुर. चौपड़ बाजार स्थित शिव मंदिर की स्थापना 1761 में वैशाख शुक्ल तृतीय (अक्षय तृतीया) को खुशालीराम बोहरा ने श्रीमाधोपुर की स्थापना चौपड़ बाजार में स्थित खेजड़ी के वृक्ष की जगह पर की। यह खेजड़ी का पेड़ आज भी नगर के बीचो बीच चौपड़ बाजार में वर्तमान शिवालय परिसर के अन्दर हनुमान मंदिर में स्थित है। इस पेड़ के निकट ही हनुमान जी की उत्तरमुखी मूर्ति तथा चतुर्मुखी शिवलिंग भी स्थित है। श्रीमाधोपुर की स्थापना के समय इस शिवमंदिर में चतुर्मुखी शिवलिंग की स्थापना हुई थी तथा इसके कुछ वर्षों बाद इस परिसर के ऊपर दूसरा शिवमंदिर निर्मित हुआ जिसमें चतुर्मुखी शिवलिंग के साथ-साथ माता गोरी, अष्टधातु की माता पार्वती, गणेश जी तथा नंदी की मूर्तियां भी स्थापित की गई। इस मंदिर की शिव पंचायत की सबसे खास बात यह है कि यहाँ माता पार्वती तथा माता गौर की मूर्ति एक साथ है तथा कार्तिकेय की मूर्ति नहीं है जबकि सभी जगह शिव पंचायत में माता गौरी की जगह कार्तिकेय की मूर्ति होती है। मंदिर में प्रवेश द्वार पर सीढिय़ों के निकट द्वारपाल के रूप में कार्तिक स्वामी विराजमान है। मंदिर में स्थित माता पार्वती की अष्टधातु की मूर्ति बेशकीमती है जिसका खुलासा कुछ समय पूर्व इस मूर्ति के चोरी हो जाने पर हुआ। मूर्ति के बरामद हो जाने पर यह पता चला कि अन्तराष्ट्रीय बाजार में इस चमत्कारी मूर्ति की कीमत करोड़ों रुपये में आँकी गई है। इस घटना के पश्चात अब मंदिर की सुरक्षा भी काफी बढ़ा दी गई है।
सिरोही. कस्बे में पहाड़ी पर स्थित शिवजी के मंदिर मे शुक्रवार को भक्तों की भीड़ रही। श्रद्धालुओं ने शिव का जलाभिषेक किया गया। पलसाना. बस्सी स्थित प्राचीन शिव मंदिर से शिव परिवार की झांकी सजाकर शोभायात्रा निकाली गई। शिवालयों में काफी भीड़ रही। थोई. शिवालयों में जलाभिषेक के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। फाल्गुन मास की चतुर्दशी प महाशिवरात्रि का पर्व शिव योग में मनाया गया।
रींगस. कस्बे के मठ मंदिर, 108 शिवलिंग, नगरपालिका शिवालय, गौशाला शिव मंदिर, राम बगिची, बालेश्वर मोहल्ला शिवालय, आमली वाले बालाजी शिवालय सहित अनेक शिव मंदिरों में भक्तों की खासी भीड़ रही।
बुधगिरी महाराज की मढ़ी पर आस्था का सैलाब
फतेहपुर. महाशिवरात्रि के अवसर पर बुधगिरी बाबा के निर्वाण दिवस पर बुधगिरी मढ़ी पर 214वां लक्खी मेला भरा। हजारों श्रद्धालुओं ने हिंगलाज मैया, भगवान शिव व बुधगिरी बाबा की समाधि पर धोक लगाकर पीठाधीश्वर दिनेश गिरी महाराज का आशीर्वाद लिया। शिवरात्रि के मौके पर मंदिर परिसर में विशेष श्रृंगार किया गया। पूरे दिन बम बम भोले के जयघोष लगाते रहे। रात्रि में हुए जागरण कलाकारों ने भजनों की प्रस्तुति दी।

मेले के दौरान बुधगिरी मढ़ी की कामधेनू गौशाला की ओर से गौ माता के पूजन का स्थल तैयार किया गया था। यहां पर श्रद्धालुओं ने अपने बराबर वजन की वस्तु का दान कर तुलादान किया व गौमाता की पूजा अर्चना की। महाशिवरात्रि के मेले से ही पूरा कस्बा फाल्गुनी रंग में रंग गया। सुरेरा.सुरेरा गाँव में रविदास चौक में स्थित महाशिवरात्रि पर्व के उपलक्ष्य में श्री थानेश्वर महादेव जी मंदिर में सुबह से महिलाओं की भीड़ लगी हुई थी। लक्ष्मणगढ़. श्रद्धानाथ आश्रम के पीठाधीश्वर बैजनाथ महाराज ने कहा कि वर्तमान समय में देश विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है, ऐसे में राष्ट्र की रक्षा करना प्रत्येक भारतीय नागरिक का मौलिक कत्र्तव्य है। महाराज शुक्रवार को कस्बे के श्रद्धानाथ महाराज के आश्रम में श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अपना देश आदिकालीन सनातनी संस्कृति का हिस्सा हैं, इसलिए अपनी संस्कृति बचाने के लिए जाति, धर्म, भेद, वर्ण, प्रांत आदि सभी को भूलाकर दिमाग में केवल राष्ट्रप्रेम व राष्ट्ररक्षा को ही याद ही रखना हैं। पलसाना से आए मनोहरशरण दास महाराज ने गुरू महिमा का बखान किया। इस मौके पर संगीत निर्देशक जयकांत खरादि के निर्देशन में श्रद्धा संस्कृत विद्यापीठ के विद्यार्थियों के साथ-साथ पुरातन विद्यार्थियों की ओर से भी भक्ति गीतों की प्रस्तुतियां भी दी गई। कार्यक्रम से पूर्व कस्बे सहित ग्रामीण अंचल से पधारे शिव भक्तों व श्रद्धानाथ महाराज के अनुयायियों ने आश्रम परिसर में स्थित समाधि पर धोक लगाई। इस मौके पर शेखावाटी हौम्योपैथिक एसोसिएशन के तत्वावधान में आश्रम परिसर में निशुल्क चिकित्सा शिविर लगाया गया।

बालेश्वर महादेव में हुई प्राण प्रतिष्ठा
फतेहपुर. मंडावा बस स्टैण्ड पर स्थित प्राचीन बालाजी मंदिर के समीप बालेश्वर महादेव की स्थापना की गई। नवनिर्मित मंदिर में शिवलिंग स्थापित किया गया। राहुल शर्मा ने बताया कि पण्डित विजय कुमार शर्मा के सान्निध्य में 18 फरवरी से अनुष्ठान करवाएं गए। दो दिन अनुष्ठान चलने के बाद महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा हुई। इस दौरान रूद्राभिषेक करवाया गया। रूद्राभिषेक में शिवलिंग पर जल, दूध, शहद का अभिषेक किया गया। इस दौरान एडवोकेट जय कौशिक, ललित चोटिया, मनोज पीपलवा, पीयूष केडिया, भवानी चोटिया, मनोज कुमार सहित कई लोग मौजूद रहे।

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